Sunday, January 12, 2025
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ISRO रचेगा इतिहासः 3 मीटर की दूरी पर लाए गए ‘SpaDeX’ के दोनों सैटेलाइट

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का महत्वपूर्ण ‘स्पैडेक्स मिशन’ सफलता प्राप्त करने के बहुत करीब पहुंच गया है। इसरो के अनुसार, दोनों सैटेलाइट ठीक से काम कर रहे हैं। इसरो ने रविवार को एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर ‘SpaDeX मिशन’ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि SpaDeX डॉकिंग मिशन के तहत दोनों अंतरिक्ष यान के 15 मीटर और आगे 3 मीटर तक पहुंचने का परीक्षण प्रयास किया गया, जो सफल रहा।

अंतरिक्ष यान को सुरक्षित दूरी पर वापस ले जाया जा रहा है, डेटा के आगे के विश्लेषण के बाद डॉकिंग प्रक्रिया पूरी की जाएगी। अपडेट के लिए बने रहें। ISRO ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि स्पैडेक्स उपग्रह 15 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रहते हुए एक-दूसरे की शानदार तस्वीरें और वीडियो ले रहे हैं।

ISRO: नए साल की शुरुआत से पहले दी थी खुशखबरी

बता दें कि नए साल की शुरुआत से पहले इसरो ने देशवासियों को खुशखबरी दी थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO ) ने स्पैडेक्स मिशन को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पेडेक्स) मिशन के तहत 30 दिसंबर को श्रीहरिकोटा से PSLV-C60 रॉकेट के जरिए दो सैटेलाइट लॉन्च किए गए।

रॉकेट ने दोनों सैटेलाइट को कुछ दूरी पर एक ही कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “स्पेडेक्स तैनात! स्पैडेक्स सैटेलाइट का सफलतापूर्वक अलग होना भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक और मील का पत्थर है।”

ये भी पढ़ेंः- ISRO ने सफलतापूर्वक लॉन्च किया स्पैडेक्स, स्पेस में डॉकिंग करने वाला चौथा देश बना भारत

‘SpaDeX’ के दोनों सैटेलाइट को सफलतापूर्वक किया था लॉच

ISRO पहले रॉकेट के लॉन्च पर लिखा था, “लिफ्टऑफ! PSLV-C60 ने स्पैडेक्स और 24 पेलोड को सफलतापूर्वक लॉन्च किया।” अमेरिका, रूस और चीन के बाद अब भारत डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

अंतरिक्ष डॉकिंग प्रौद्योगिकी में निपुणता प्राप्त करने से न केवल भारत को अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल होने में मदद मिलेगी, बल्कि यह भारत के आगामी अंतरिक्ष अभियानों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसमें चंद्र मिशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और पृथ्वी से जीएनएसएस समर्थन के बिना चंद्रयान-4 जैसे चंद्र मिशन शामिल हैं।

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