Sunday, January 5, 2025
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Somvati Amavasya: कड़ाके की ठंड पर भारी पड़ी आस्था, हर की पैड़ी पर गंगा स्नान को उमड़ी भीड़

Somvati Amavasya 2025: सोमवती अमावस्या पर्व को लेकर हरिद्वार में श्रद्धालुओं का उत्साह देखने लायक है। देर रात से ही हर की पौड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। देश के विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं की भीड़ ने सुबह से ही हर की पौड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर गंगा स्नान कर पुण्य कमाना शुरू कर दिया था।

श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया, मंदिरों में दर्शन-पूजन किया और दान आदि कर पुण्य कमाया। इसके साथ ही बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने नारायणीशिला और कुशावर्त घाट पर अपने पूर्वजों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान कर उनके मोक्ष की कामना की। अमावस्या पर्व पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।

Somvati Amavasya 2025: भीषण ठंड के बावजूद गंगा में लगाई डुबकी

मान्यता है कि सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करने से सभी कष्ट दूर होते हैं। मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं, सैकड़ों अश्वमेध यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। इस अवसर पर पितरों के निमित्त तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति आती है। भीषण ठंड के बावजूद श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। सोमवती अमावस्या पर भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। मेला क्षेत्र को 14 जोन और 39 सेक्टरों में बांटकर अधिकारी और पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। इसके साथ ही ट्रैफिक प्लान भी लागू किया गया था।

Somvati Amavasya पर स्नान-दान का है विशेष महत्व

इस संबंध में नारायणीशिला के पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि वैसे तो सभी अमावस्या पर गंगा स्नान का महत्व है। लेकिन सोमयुता यानी सोमवती या भोमायुता यानी भोमावती अमावस्या विशेष पुण्यदायी है। इसका पुण्य इसी बात से जाना जा सकता है कि स्वयं भीष्म पितामह ने मृत्युशैया पर लेटे हुए इस सोमवती अमावस्या का इंतजार किया था। आज सोमयुता यानी अमर बनाने वाली अमावस्या का दिन है। जल स्नान करने मात्र से ही व्यक्ति को अश्वमेध यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है।

ये भी पढ़ेंः- Somwati Amavasya : साल की अंतिम सोमवती अमावस्या, हजारों श्रद्धालुओं ने किया पिंडदान

बताया जाता है कि इस दिन अपने पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करना और पीपल के वृक्ष की पूजा करना श्रेष्ठ होता है। इस दिन गंगा आदि पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के कई कल्पकल्पों तक के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन किया गया दान भी अक्षय फल देता है। समाचार लिखे जाने तक स्नान का सिलसिला जारी था।

उल्लेखनीय है कि वैसे तो सभी अमावस्याएं महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन सनातन धर्म में सोमवती अमावस्या को अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इस दिन गंगा स्नान और पितरों के निमित्त तर्पण का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है।

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