Merry Christmas 2025: क्रिसमस को लेकर गिरजाघरों और घरों में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। ऐसे में धार्मिक नगरी काशी में मंगलवार को क्रिसमस के महापर्व की खुशबू फिजाओं में है। शहर के प्रमुख गिरजाघरों, कैंटोनमेंट कैथेड्रल (महागिरजा), लाल चर्च, गोदौलिया स्थित सेंट थॉमस चर्च समेत सभी गिरजाघरों को दुल्हन की तरह सजाया गया है।
Merry Christmas: रंग-बिरंगी लाइटों से सजे गिरजाघर
शहर के ईसाई समुदाय से जुड़े लोगों के घरों को भी रंग-बिरंगी लाइटों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। हर घर में कैरोल गूंज रहे हैं। प्रभु यीशु के जन्मोत्सव की खुशी हर तरफ दिखाई दे रही है। घरों के साथ ही होटलों में भी आधी रात को क्रिसमस मनाने की तैयारियां हैं। सांता क्लॉज के अलावा लोग ऊंट, भेड़, हिरण और पौधों को भी सजा रहे हैं।
Merry Christmas: रात 11.30 बजे जन्म लेंगे प्रभु यीशु मसीह
बता दें कि परंपरा के अनुसार प्रभु यीशु मसीह (Lord Jesus Christ) के जन्म से पहले मंगलवार रात 11.30 बजे से कैंटोनमेंट कैथेड्रल (महागिरजा) में विशेष प्रार्थना (मिस्सा बलिदान) की रस्म निभाई जाएगी। महागिरजा के पल्ली पुरोहित फॉदर अगस्टीन सहित अन्य पुरोहित मिलकर मिस्सा पूजा करेंगे। इस दौरान ईसाई समुदाय के लोग प्रभु की आराधना करेंगे और विशेष स्तुति गाएंगे।
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रात 12 बजे जैसे ही घड़ी की सुइयां एक होंगी, बाल रूप में ईसा मसीह के प्रतीकात्मक जन्म के बाद वाराणसी डायसिस के बिशप डॉ. यूजीन जोसेफ महागिरजा में ईसाई समुदाय के लोगों को प्रभु यीशु के प्रतीकात्मक बाल रूप के दर्शन कराएंगे। इसके बाद वह चुनिंदा लोगों के साथ चर्च से नवजात ईसा मसीह की प्रतिमा को निकालकर जुलूस के बीच चरनी में रखेंगे।
Merry Christmas: 20 फीट का बनाया गया क्रिसमस ट्री
चरनी का अभिषेक करने के बाद लोग प्रभु के दर्शन के लिए कतार में लगेंगे। प्रभु के बाल रूप को देखने के लिए ईसाई समुदाय के लोग उत्साहित हैं। शाम से ही लोग चर्चों में पहुंच जाएंगे। पुजारी फादर ऑगस्टीन के अनुसार, महागिरजा परिसर में पहली बार क्रिसमस विलेज बनाया गया है। इसमें प्रभु यीशु के जीवन को दिखाया जाएगा। इसके अलावा यीशु के जन्म पर लेजर शो, कठपुतली नृत्य और 20 फीट का क्रिसमस ट्री भी बनाया गया है।