Pooja Khedkar: दिल्ली हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र की बर्खास्त ट्रेनी IAS पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस चंद्रधारी सिंह की बेंच ने सोमवार को यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि UPSC के साथ धोखाधड़ी का आरोप प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होता है। कोर्ट ने कहा कि पूजा खेडकर दिव्यांग और ओबीसी श्रेणी में लाभ की हकदार नहीं हैं। कोर्ट ने इस मामले में 28 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
Pooja Khedkar: कोर्ट ने खारिज की अग्रिम जमानत याचिका
दरअसल सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्र धारी सिंह ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि Pooja Khedkar की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट ने कहा कि उनकी गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण भी हटा दिया गया है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला एक संवैधानिक संस्था के साथ-साथ समाज के साथ धोखाधड़ी का एक अनूठा मामला है। कोर्ट ने कहा कि साजिश का पता लगाने के लिए मामले की जांच जरूरी है।
Pooja Khedkar: जानें क्या है पूरा मामला
बता दें कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की 2023 बैच की ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर (IAS officer Pooja Khedkar) पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांग कोटे का दुरुपयोग करने का आरोप है। इस मामले में UPSC ने खेडकर के खिलाफ FIR दर्ज की थी।
यूपीएससी ने जांच के बाद उनका चयन भी रद्द कर दिया था। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। उन्हें भविष्य की परीक्षाओं में बैठने से भी रोक दिया गया है। UPSC के एक बयान के अनुसार, खेडकर के कदाचार की विस्तृत और गहन जांच से पता चला कि उन्होंने अपना नाम बदलकर और अपनी पहचान गलत बताकर परीक्षा नियमों का उल्लंघन किया है।
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18 जुलाई को हुई थी पूजा की मां को गिरफ्तारी
18 जुलाई को पुलिस ने पूजा खेडकर की मां को गिरफ्तार किया था। उनकी मां का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह मुलशी में कुछ किसानों को उनकी जमीन हड़पने के लिए पिस्तौल दिखाकर धमकाती नजर आई थीं। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है।
गौरतलब है कि Pooja Khedkar को यूपीएससी ने भी बर्खास्त कर दिया है। पूजा खेडकर ने बर्खास्तगी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और कहा था कि उन्हें प्रेस रिलीज के जरिए इसकी जानकारी दी गई थी। इसके बाद UPSC ने खेडकर की बर्खास्तगी के आदेश की कॉपी ई-मेल और उनके पते पर भेजने को कहा था।