धर्मशालाः काम रोको चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक Act लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में गंभीरता से विचार कर रही है और कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करने के बाद इस पर काम करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य निष्पक्षता, पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ काम करना है। प्रदेश में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे धकेला जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह बात गुरुवार को नियम 67 के तहत दो दिनों तक चली भ्रष्टाचार और घोटालों पर चर्चा का जवाब देते हुए सदन में कही।
Act लाकर ही होगा सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली विपक्षी पार्टी भाजपा के कार्यकाल में प्रदेश में हर जगह खुला भ्रष्टाचार हुआ है। प्रदेश की जमीनों को औने-पौने दामों में बेचने का काम जोरों पर हुआ है। उन्होंने कहा कि विपक्ष की यह रिपोर्ट नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ सिर्फ इसलिए तैयार की गई है, क्योंकि उनके कार्यकाल में कई काले कारनामे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के किसी भी मंत्री या विधायक पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है।
सरकार स्पष्टवादिता और पारदर्शिता के साथ प्रदेश हित में फैसले ले रही है। भाजपा के अंदर अंदरूनी लड़ाई चल रही है, जिसके चलते उन्होंने इतने गंभीर मुद्दे पर भी नाममात्र के लिए चर्चा में भाग लिया। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इस मुद्दे को लेकर इतना गंभीर होता तो सदन छोड़कर नहीं जाता। दो दिन तक चली लंबी चर्चा के बाद जब सदन में जवाब दिया जा रहा था तो ये लोग बहाने बनाकर सदन से आए और चले गए। इससे पहले मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अवैध खनन को रोकने के लिए नीति लाई जाएगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि सदन में वनों की कटाई का मुद्दा जोर-शोर से उठाया गया।
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वनों के काटन पर लगेगी रोक
इस मुद्दे पर वनों की कटाई के लिए खोलने का समय और व्यवस्था तय करने पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ प्रजातियों के पेड़ों के कटान पर रोक लगाने पर विचार कर रही है, वहीं इसे खोलने का समय भी तय किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने 19 प्रजातियों के पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी, जिसे अब घटाकर 13 कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा लाए गए प्रस्ताव में सबसे अधिक मामले उसके नेताओं के खिलाफ आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पारदर्शिता और जीरो टॉलरेंस के साथ काम कर रही है। उन्होंने भाजपा की चर्चा की कड़ी निंदा की।
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