Syria Row: सीरिया में हालात हर गुजरते दिन के साथ खराब होते जा रहे हैं। सीरियाई सरकार के खिलाफ विद्रोही लगातार अलग-अलग इलाकों पर हमला कर रहे हैं और उस इलाके पर कब्जा कर रहे हैं। भारत सरकार भी सीरिया में बिगड़ते हालात पर नजर बनाए हुए है।
सीरिया में बिगड़ते हालात से चिंतित भारत सरकार ने देर रात सभी भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की। जिसमें सलाह दी गई है कि वे अगली सूचना तक सीरिया की यात्रा करने से पूरी तरह बचें। एडवाइजरी में इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर और ईमेल आईडी भी शेयर की गई हैं।
Syria Row: भारत ने जारी की एडवायजरी
सीरिया में रहने वाले भारतीय नागरिकों को भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है। दमिश्क में भारतीय दूतावास से आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर +963993385793 पर संपर्क किया जा सकता है। सभी महत्वपूर्ण जानकारी इसी नंबर से जारी की जा रही है। इसके अलावा [email protected] पर ईमेल भी कर सकते हैं। जो लोग अभी सीरिया में हैं, उन्हें जल्द से जल्द वहां से लौटने की कोशिश करनी चाहिए और जब तक ऐसा संभव नहीं हो जाता, तब तक अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
वहीं सीरिया में विद्रोहियों की मजबूत पकड़ ने ईरान को झकझोर दिया है। उसने सीरिया से अपने सैन्य अधिकारियों और दूतावास कर्मियों को निकालना शुरू कर दिया है। ईरानी और क्षेत्रीय अधिकारियों ने बताया कि दमिश्क में ईरानी दूतावास और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के ठिकानों को खाली करने का आदेश दिया गया है। दूतावास के कुछ कर्मचारी तुरंत ईरान के लिए रवाना हो गए। ईरान के इस अप्रत्याशित कदम ने राष्ट्रपति असद की चिंता बढ़ा दी है।
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Syria Row: सीरिया पर विद्रोही गुट ने किया कब्जा
बता दें कि राजनीतिक उथल-पुथल के बीच रूस और ईरान समर्थित बशर अल-असद शासन विद्रोही समूहों से घिर गया है। इन समूहों को तुर्की का समर्थन प्राप्त है। राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल करने के लिए विद्रोही बलों ने पिछले सप्ताह पूरे सीरिया में हमला किया। विद्रोही समूहों का हमला इतना जोरदार है कि सीरिया का दूसरा शहर अलेप्पो और हामा पहले ही राष्ट्रपति के नियंत्रण से बाहर हो चुका है। 2011 के गृहयुद्ध के बाद सीरिया में यह पहला ऐसा हमला है।
बसर अल-असद की सरकार पिछले पांच दशकों से सीरिया में सत्ता में है और पहली बार उनकी सरकार गिरने की कगार पर है। अगर विद्रोही सीरिया के प्रमुख शहर होम्स पर कब्जा कर लेते हैं तो राजधानी दमिश्क में सत्ता की सीट भूमध्यसागरीय तट से कट जाएगी। दरअसल, इसे बशर अल-असद का मुख्य गढ़ माना जाता है।