Bangladesh News: बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया है। चटगांव में चल रहे विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच नारेबाजी कर रही भीड़ ने तीन हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ की है। यह हमला शुक्रवार को दोपहर करीब 2.30 बजे हरीश चंद्र मुनसेफ लेन इलाके में हुआ। संतनेश्वर मातृ मंदिर, शोनी मंदिर और शांतनेश्वरी कालीबाड़ी मंदिर को निशाना बनाया गया। बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार पर अल्पसंख्यकों और उनके धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है।
जुमे की नमाज के बाद मंदिरों में फेंके ईंट-पत्थर
रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को सैकड़ों लोगों की भीड़ ने मंदिरों पर हमला किया, ईंट-पत्थर फेंके और शोनी मंदिर और दो अन्य मंदिरों के गेट को नुकसान पहुंचाया। मंदिर के अधिकारियों ने नुकसान की पुष्टि की है, जिसमें टूटे हुए गेट और अन्य नुकसान शामिल हैं।
कोतवाली थाने के प्रमुख अब्दुल करीम ने हमले की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने जानबूझकर मंदिरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। संतनेश्वर मातृ मंदिर प्रबंधन समिति के स्थायी सदस्य तपन दास ने कहा कि हमलावर हिंदू विरोधी और इस्कॉन विरोधी नारे लगा रहे थे। चटगांव में पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी के बाद से हिंसा भड़की हुई है। उन्हें बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के आरोप में हिरासत में लिया गया था। उनकी गिरफ़्तारी के बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया।
ये भी पढ़ेंः- बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग, भारत से मदद की गुहार
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा चिंता का विषय
तपन दास ने कहा कि हमले के दौरान मंदिर के अधिकारियों ने हमलावरों से बातचीत नहीं की, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर सेना को बुला लिया। सेना ने तुरंत कार्रवाई की और व्यवस्था बहाल करने में मदद की। जब तक भीड़ पहुंची, तब तक मंदिर के द्वार सुरक्षित हो चुके थे, लेकिन संरचना पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुकी थी।
रिपोर्टों के अनुसार, हमला बिना उकसावे के किया गया था और मंदिर के कर्मचारियों की ओर से कोई खास प्रतिरोध नहीं किया गया। इस घटना ने बांग्लादेश में हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों सहित धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।