रायपुर: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 इस वर्ष 4 दिसंबर को पूरे देश में आयोजित किया जाएगा। इस बार इसका नाम परख (समग्र विकास के लिए ज्ञान का प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा और विश्लेषण) रखा गया है। सर्वेक्षण का उद्देश्य बच्चों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मानदंड स्थापित करना है।
National Assay Survey 2024 : 3, 6 और 9 के छात्रों पर फोकस
इस बार सर्वेक्षण कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों पर केंद्रित होगा, जो उनकी पिछली कक्षाओं में अर्जित दक्षताओं पर आधारित होगा। परीक्षा में प्रश्न ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में होंगे। यह सर्वेक्षण न केवल बच्चों की दक्षता का आकलन करेगा बल्कि राज्यों की शैक्षिक रैंकिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। राज्यों की रैंकिंग सुधारने का अवसर पिछले एनएएस 2021 के परिणामों में अंतिम स्थान पर रहने वाले राज्यों के लिए यह सर्वेक्षण अपनी रैंकिंग सुधारने का अवसर प्रदान करता है। राज्यों की रैंकिंग का उपयोग विभिन्न शैक्षिक योजनाओं में किया जाता है। ऐसे में इस बार सभी राज्य सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन कर शैक्षणिक रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
National Assay Survey 2024 : शिक्षा व्यवस्था में सुधार का प्रयास
परख का उद्देश्य विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन का समग्र मूल्यांकन करना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों के मूल्यांकन से संबंधित मानक और दिशा-निर्देश तय करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस सर्वेक्षण में योग्यता आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनका उत्तर ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में दिया जाएगा और विद्यार्थियों को ओएमआर शीट का अभ्यास करने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभाव
परख राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से हटकर विद्यार्थियों के समग्र विकास और उनके ज्ञान के गहन विश्लेषण पर जोर दिया गया है।
यह भी पढ़ेंः-Chhattisgarh: मलेरिया का आतंक, 10 ग्रामीणों की मौत, नक्सली मुठभेड़ कैंप स्थगित
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की अपील
सर्वेक्षण की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों और स्कूल प्रशासन से विद्यार्थियों को अधिक से अधिक अभ्यास कराने की अपील की गई है। इससे न केवल बच्चों की योग्यता बढ़ेगी बल्कि राज्य की रैंकिंग में भी सुधार सुनिश्चित होगा। राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों की दक्षताओं के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत आधारशिला रखेगा।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)