शिमलाः हिमाचल पर्यटन विकास निगम (HPTDC) के घाटे में चल रहे होटलों को बंद करने के मामले में सुक्खू सरकार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने घाटे में चल रहे नौ होटलों को 31 मार्च 2025 तक खुला रखने का नया आदेश दिया है। इन होटलों में पैलेस होटल चायल, चंद्रभागा केलांग, होटल देवदार खज्जियार, होटल मेघदूत क्यारीघाट, होटल लॉग हट्स मनाली, होटल कुंजुम मनाली, होटल भागसू मैक्लोडगंज, होटल द कैसल नगर और होटल धौलाधार धर्मशाला शामिल हैं।
HPTDC होटलों पर किया जा रहा अध्ययन
हाईकोर्ट ने घाटे में चल रहे अन्य नौ होटलों को 25 नवंबर से बंद करने के फैसले को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने शुक्रवार को राज्य सरकार की ओर से दायर समीक्षा याचिका की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने शुक्रवार को बताया कि इन होटलों के मामले में राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखा था। इसके चलते निगम के नौ होटलों को फिर से शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि निगम के अन्य होटलों पर भी अध्ययन किया जा रहा है तथा इस मामले में गठित समिति की रिपोर्ट आने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।
आम जन के हितों को देख रही सरकार
उन्होंने कहा कि सरकार पर्यटन निगम के अधिकारियों, कर्मचारियों व हितधारकों के हित में पूरी तरह खड़ी है तथा उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। नरेश चौहान ने यह भी कहा कि निगम के होटलों की इस स्थिति के लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार नहीं है, बल्कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के कारण आज यह स्थिति उत्पन्न हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार को पूर्ववर्ती सरकार से जो चुनौतियां मिली हैं, उनका सामना राज्य सरकार कर रही है तथा उनसे पार पाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2027 तक राज्य को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है, जिसके लिए कड़े निर्णय लिए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आम जनता के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व 19 नवंबर को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने पर्यटन विकास निगम के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देनदारियों से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए निगम के घाटे में चल रहे 18 होटलों को बंद करने के आदेश दिए थे। इसके पीछे कारण इन होटलों में 40 प्रतिशत से भी कम ऑक्यूपेंसी थी।
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हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक को 3 दिसंबर 2024 को अगली सुनवाई में कोर्ट द्वारा पारित आदेश की अनुपालना के संबंध में हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए थे। इस आदेश के बाद विपक्षी पार्टी भाजपा की ओर से लगातार सुख्खु सरकार पर निशाना साधा जा रहा था। भाजपा नेता सरकार पर निगम की संपत्तियों को लीज पर देने की मंशा से काम करने का आरोप लगा रहे हैं। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार को राहत मिली है।
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