Donald Trump Cabinet: अमेरीकी चुनाव में राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ट ट्रंप की आगामी कैबिनेट के नामों की घोषणा को लेकर पाकिस्तान काफी चिंतित है। पाकिस्तानी नीति निर्माता ट्रंप की पसंद पर कड़ी नजर रख रहे हैं, जो अमेरिकी प्रशासन की भावी विदेश नीति का संकेत है। जिन नामों की घोषणा की गई है, उनसे साफ संदेश जाता है कि ट्रंप सरकार की प्राथमिकता सूची में भारत काफी ऊपर है। माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी विदेश नीति की प्राथमिकता सूची में पाकिस्तान शामिल नहीं है।
Donald Trump Cabinet: रुबियो बनी विदेश मंत्री
सीनेटर मार्को रुबियो को अमेरिका का अगला विदेश मंत्री नामित किया गया है। उन्होंने भारत के समर्थन में एक विधेयक पेश किया था, जिसने रावलपिंडी स्थित पाकिस्तानी सेना मुख्यालय में खतरे की घंटी बजा दी थी। रुबियो द्वारा सीनेट में पेश किए गए ‘अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग अधिनियम’ में क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने की अपील की गई थी।
इस विधेयक में प्रस्ताव दिया गया था कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के मामले में भारत को जापान, इजरायल, दक्षिण कोरिया और नाटो जैसे सहयोगियों के बराबर माना जाना चाहिए। इसमें यह भी सुझाव दिया गया कि नई दिल्ली को रक्षा, प्रौद्योगिकी, आर्थिक निवेश और नागरिक अंतरिक्ष में सहयोग के माध्यम से सुरक्षा सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
रुबियो के प्रस्तावित विधेयक में विभिन्न प्रॉक्सी समूहों के माध्यम से भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करने में पाकिस्तान की संलिप्तता का भी उल्लेख किया गया है। इसमें सुझाव दिया गया है कि इस्लामाबाद को कोई भी अमेरिकी सुरक्षा सहायता प्रदान नहीं की जानी चाहिए।
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तुलसी गबार्ड को मिला महत्वपूर्ण पद
ट्रंप ने यूएस नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के महत्वपूर्ण पद के लिए तुलसी गबार्ड को नामित किया है। तुलसी ने फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद न केवल भारत का समर्थन किया था। वह अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को इस्लामाबाद द्वारा शरण दिए जाने के बारे में भी मुखर रही हैं, जिसे 2011 में एबटाबाद में यूएस नेवी सील द्वारा एक ऑपरेशन में मार दिया गया था। जॉन रैटक्लिफ, जो सीआईए का नेतृत्व करेंगे, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान यूएस नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर के रूप में काम कर चुके हैं। उन्हें ईरान और चीन पर कड़ी नज़र रखने के लिए जाना जाता है।
Donald Trump Cabinet: क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप द्वारा किए गए सभी महत्वपूर्ण नामांकन भविष्य में अमेरिका-पाक संबंधों के लिए अच्छे नहीं हैं। उनका अनुमान है कि शहबाज शरीफ की अगुआई वाली सरकार को ट्रंप प्रशासन के हाथों बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। पिछले हफ़्ते पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने कहा था कि इस्लामाबाद किसी भी संघर्ष में किसी गुट का हिस्सा नहीं बनेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आने वाले ट्रंप प्रशासन के लिए एक अप्रत्यक्ष संदेश है। सरकारी सूत्रों ने यह भी खुलासा किया कि पाकिस्तानी सेना ने ट्रंप की टीम से संपर्क करना शुरू कर दिया है।