लीमाः एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच के शिखर सम्मेलन में भाग लेने यहां पहुंचे जापान के प्रधानमंत्री (Prime Minister of Japan) शिगेरू इशिबा (Prime Minister Shigeru Ishiba) और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) के बीच शुक्रवार को मुलाकात हुई, लेकिन रिश्तों में जमी बर्फ पूरी तरह नहीं पिघली।
आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास से बेहद चिंतित
इशिबा ने शी से कहा कि जापान चीन के बढ़ते आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास से बेहद चिंतित है। जापान टुडे अखबार की रिपोर्ट में इस मुलाकात की विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें कहा गया है कि हालांकि शिगेरू इशिबा ने जिनपिंग के साथ अपनी पहली व्यक्तिगत वार्ता में परस्पर लाभकारी और स्थिर संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इशिबा ने कहा कि जापान और चीन के बीच कई मतभेद हैं।
मतभेदों के बावजूद बातचीत पर सहमति
इन मतभेदों के बावजूद वह राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ आपसी बातचीत के पक्षधर हैं। जापान के विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों पक्ष विभिन्न स्तरों पर और बातचीत करने पर सहमत हुए। इनमें विदेश मंत्रियों की आपसी यात्राएं और दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आर्थिक वार्ताएं शामिल हैं। हालांकि, चीन अपने क्षेत्रीय दावों को पुख्ता करने के लिए जापान नियंत्रित द्वीप के साथ-साथ ताइवान और दक्षिण चीन सागर में आक्रामक नौसैनिक और हवाई गतिविधियां जारी रखे हुए है। इस साल अगस्त में एक चीनी सैन्य विमान ने जापानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी। अगले महीने, दक्षिणी चीनी शहर शेनझेन में एक जापानी स्कूली लड़के की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई।
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जापान के साथ सहयोग बढ़ाएगा चीन
इशिबा ने कहा कि उन्होंने शी से जापानी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया, जिन्होंने सभी विदेशियों के लिए ऐसा ही करने का वादा किया। चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, शी ने दोहराया कि जापान को अपने इतिहास का सामना करना चाहिए और ताइवान के भविष्य जैसे संवेदनशील मुद्दों से उचित तरीके से निपटना चाहिए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शी ने कहा कि चीन रचनात्मक और स्थिर संबंध बनाने के लिए जापान के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
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