Mainpuri: उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी रणनीति को और धारदार बना लिया है। बसपा के वरिष्ठ नेता और दलित समुदाय में मजबूत पकड़ रखने वाले प्रभु दयाल जाटव अपने कुछ समर्थकों के साथ बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए। शुक्रवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कोसमा में आयोजित विशाल जनसभा के दौरान मंच से इसकी घोषणा की।
किशनी विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर 2022 का चुनाव लड़ चुके प्रभु दयाल जाटव दलित समुदाय में प्रभावशाली नेता माने जाते हैं। उनके सपा में शामिल होने से करहल विधानसभा उपचुनाव के समीकरण सपा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। खासकर दलित और ओबीसी मतदाताओं पर इसका बड़ा असर पड़ने की संभावना है।
जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि प्रभु दयाल जाटव जैसे मजबूत नेता का सपा परिवार में स्वागत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उपचुनाव सिर्फ एक क्षेत्र की लड़ाई नहीं है, बल्कि यह भाजपा की विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ एकता का प्रतीक है।
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प्रभु दयाल जाटव के सपा में शामिल होने से दलित वोट बैंक में सपा को अतिरिक्त बढ़त मिलने की उम्मीद है। करहल में सपा प्रत्याशी तेजप्रताप यादव को लेकर जनता में पहले से ही उत्साह है। ऐसे में प्रभु दयाल जाटव के आने से सपा खेमा और भी मजबूत हो गया है। इस कदम से करहल उपचुनाव और भी दिलचस्प हो गया है, जहां भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला है। प्रभु दयाल जाटव के इस कदम से दलित वोटों का समीकरण जरूर बदलेगा।
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