शिमला: युवाओं में नशे की बढ़ती लत चिंता का विषय बन गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि हिमाचल प्रदेश में नशे के कारण HIV संक्रमण भी फैल रहा है और युवा पीढ़ी इसकी चपेट में आ रही है। दरअसल, नए एचआईवी मामलों में पाया गया है कि सामूहिक रूप से नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली संक्रमित सुइयों के कारण युवाओं में एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं।
कारणों और रोकथाम पर चर्चा की गई चर्चा
यह जानकारी राजधानी शिमला में शनिवार को आयोजित राज्य स्तरीय एड्स नियंत्रण जागरूकता कार्यशाला में सामने आई है। इस जागरूकता कार्यशाला में हिमाचल में एचआईवी/एड्स के कारणों और रोकथाम पर चर्चा की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि एचआईवी और एड्स के बदलते कारणों को देखते हुए जागरूकता और रोकथाम कार्यक्रमों को और बढ़ाया गया है।
युवाओं को दिया जा रहा परामर्श
राजीव कुमार ने कहा कि लोगों में एड्स के प्रति जागरूकता के कारण एचआईवी संक्रमण के कारणों में असुरक्षित यौन संबंध का प्रतिशत कम हुआ है, जबकि नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सुइयों से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल प्रदेश में एचआईवी पॉजिटिव के ज्यादा मामले सामने आए हैं। वर्तमान में राज्य में कुल 5,870 एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति हैं और उन्हें दो हजार एआरटी उपचार केंद्रों के माध्यम से दवाइयां और परामर्श दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष सितंबर तक कुल 404 नए मामले पाए गए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 अधिक हैं। इनमें से अधिकांश मामले ऐसे लोगों के हैं जो सुई के माध्यम से नशे की लत के कारण संक्रमित हुए हैं।
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उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में व्यक्ति को एचआईवी के साथ-साथ नशामुक्त करने के लिए दवाइयां और परामर्श भी दिया जा रहा है। राजीव कुमार ने कहा कि एसटीआई/यौन संचारित रोगों से संक्रमित व्यक्ति में एचआईवी संक्रमण की संभावना पांच से छह प्रतिशत अधिक होती है। महिलाओं में यौन रोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले दो महीनों में आशा कार्यकर्ताओं की मदद से राज्य में व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लाखों लोगों को एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया।
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