Malé : चीन अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ खतरनाक चाले चलता रहता है। साम-दाम-दंड-भेद तरीका कोई भी हो लेकिन उद्देश्य केवल एक ही हे कि कैसे किसी देश पर अपना प्रभुत्व कायम किया जाए। नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका इसके ताजे उदाहरण हैं। अब चीन की नजर मालदीव पर हैं। चीन इस देश को अपने कर्ज के जाल में फंसाने की पूरी कोशिश कर रहा है। जिससे मालदीव सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं। नवीनतम घटनाक्रम में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा ऋण संकट के उच्च जोखिम की चेतावनी के बाद मालदीव चीनी ऋण चुकाने का रास्ता तलाश रहा है। इस संबंध में उन्होंने चीन से कर्ज का पुनर्गठन कर राहत देने की अपील की है।
चीन के राजदूत ने खारिए किए दावे
चीन ने कहा है कि मालदीव सरकार द्वारा वर्तमान में चीन से लिए गए कर्ज पर ऋण पुनर्भुगतान में कुछ राहत देने के लिए देशों के बीच चर्चा हो रही है। हालाँकि, मालदीव में चीन के राजदूत वांग लिक्सिन ने कहा कि ऋण पुनर्गठन कोई समाधान नहीं है, क्योंकि ऐसा करने से मालदीव को बीजिंग से आगे वित्तीय सहायता मांगने में बाधा उत्पन्न होगी। राजदूत वांग ने कहा कि चीन और मालदीव की तकनीकी टीमें इस मुद्दे को संभाल रही हैं। वांग ने उन दावों को भी खारिज कर दिया कि चीन मालदीव को कर्ज के जाल में फंसा रहा है और इस बात पर जोर दिया कि चीन ने हमेशा मालदीव का सम्मान किया है। साथ ही देश में चल रही परियोजनाएं चीन को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं चलाई जा रही हैं।
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मालदीव के लिए बन सकता है खतरा
आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि मालदीव की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का चीन की सेवा आयात की मांग से गहरा संबंध है, यह दर्शाता है कि चीनी बाजार मालदीव के विकास का प्रमुख चालक बना रहेगा, जो मालदीव के विकास के लिए जोखिम पैदा करता है।
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