जयपुरः तेंदुए को प्रदेश की आबोहवा रास आ रही है। यहां इनकी आबादी तेजी से बढ़ रही है। वर्तमान में प्रदेश के जंगलों में सात सौ से ज्यादा तेंदुए निवास कर रहे हैं। खास बात यह है कि लगातार हमला कर कई लोगों को मार डालने वाले तेंदुए को पहली बार गोली मारकर मारने का आदेश जारी किया गया। गोगुंदा में आखिरकार तेंदुए को मार गिराया गया। तेंदुए के हमले में एक महीने में आठ और तीन महीने में करीब दस लोगों की जान जा चुकी है।
हाल ही में भारत सरकार ने कराया सर्वे
भारत सरकार ने तेंदुओं की संख्या को लेकर इस साल फरवरी में एक रिपोर्ट जारी की है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसके लिए साल 2022 में सर्वे कराया। इसमें देश के 18 राज्यों में तेंदुओं की गणना की गई। ये वो राज्य हैं जहां तेंदुए पाए जाते हैं और इनके अधीन बड़े अभयारण्य हैं। जहां बाघ और तेंदुए संरक्षित हैं। सर्वे के लिए 32,803 जगहों पर कैमरे लगाए गए। इनसे 4,70,81,881 तस्वीरें ली गईं। इनमें से 85,488 तस्वीरों में तेंदुए देखे गए। इनके विश्लेषण के आधार पर इनकी संख्या की गणना की गई। सर्वेक्षण के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा तेंदुए मध्य प्रदेश में हैं। मध्य प्रदेश में करीब 4 हजार तेंदुए हैं। दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है जहां इनकी संख्या 1985 पाई गई है। तीसरे स्थान पर कर्नाटक 1830, चौथे स्थान पर तमिलनाडु 1070 है। राजस्थान में 722 तेंदुए हैं। राज्य पांचवें स्थान पर है।
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प्रदेश में तेंदुए को मिल रहा सबसे ज्यादा संरक्षण
राजस्थान में तेंदुए को अच्छा संरक्षण मिल रहा है। यही वजह है कि इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। प्रदेश में सात जगहों पर तेंदुए सफारी हैं। इनमें जयपुर आमगढ़ सफारी, जयपुर झालाना सफारी, अलवर में सरिस्का सफारी, राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ सफारी, पाली जिले का बेरा क्षेत्र और पाली जिले का जवाई बांध क्षेत्र शामिल हैं। इन जगहों पर तेंदुए देखे जा सकते हैं। अब उदयपुर में सातवीं सफारी खोलने की तैयारी चल रही है।
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