Rajasthan: राजस्थान की संस्कृति को करीब से देखने और उसका लुत्फ उठाने का इंतजार खत्म हुआ। विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला 2 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। पुष्कर मेले में आप राजस्थान की संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे। इस बार यह मेला 2 नवंबर से शुरू होकर 17 नवंबर को समाप्त होगा। इस मेले में देश का सबसे बड़ा पशु मेला भी शामिल होगा।
पिछले 100 साल से लग रहा है मेला
मेले का सबसे बड़ा आकर्षण रेगिस्तान का जहाज ऊंट है। इसके करतब के अलावा कई प्रतियोगिताएं होती हैं, जिसमें देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी पर्यटक हिस्सा लेते हैं। मेले की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जवान मुस्तैद रहेंगे। इसके लिए प्रशासनिक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। अजमेर जिले से 15 किलोमीटर दूर पुष्कर मेला 100 साल से भी ज्यादा समय से आयोजित होता आ रहा है। इस मेले में ऊंटों का बड़े पैमाने पर व्यापार होता है। लोग अपने ऊंटों को अनोखे तरीके से सजाकर यहां लाते हैं।
ऊंट ही नहीं कई वजहों से प्रसिद्ध है मेला
राजस्थान पर्यटन विभाग पुष्कर मेले में शिल्पग्राम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद समेत कई प्रतियोगिताएं आयोजित करता है। मेले में देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए क्रिकेट मैच, फुटबॉल, रस्साकशी, सतोलिया और कबड्डी मैच आयोजित किए जाते हैं। ऊंटों और घोड़ों की सजावट, नृत्य आदि प्रतियोगिताएं इस मेले का आकर्षण होती हैं। मूंछ, पगड़ी, दूल्हा-दुल्हन, रंगोली, मांडना जैसी प्रतियोगिताएं पर्यटकों के लिए मेले का हिस्सा होती हैं।
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देशी-विदेशी पर्यटक इन खूबसूरत पलों को अपने कैमरों में कैद करते हैं। पुष्कर में 15 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में धार्मिक मेला ‘पंचतीर्थ स्नान’ पांच दिन की बजाय चार दिन का होगा। पंचतीर्थ स्नान कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी 12 नवंबर से कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा 15 नवंबर तक ही होगा। कहा जा रहा है कि यहां एक तिथि का क्षय होने जा रहा है, जिसके कारण पंचतीर्थ स्नान चार दिन का ही होगा।
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