Monday, October 28, 2024
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India-Spain talks: भारत और स्पेन के संबंध नए मुकाम पर, निवेश के साथ ही इन मुद्दों पर बनी सहमति

India-Spain talks: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके स्पेनिश समकक्ष पेड्रो सांचेज ने सोमवार को वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इस दौरान दोनों देशों ने कुछ प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति जताई। इस दौरान बेंगलुरु में स्पेनिश वाणिज्य दूतावास की स्थापना और बार्सिलोना में भारतीय वाणिज्य दूतावास के संचालन की घोषणा की गई। भारत और स्पेन में आपसी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए एक फास्ट ट्रैक तंत्र स्थापित किया जाएगा। दोनों नेताओं ने आज वडोदरा में C295 विमान के अंतिम असेंबली लाइन प्लांट का संयुक्त रूप से उद्घाटन किया, जिसे टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स ने एयरबस स्पेन के सहयोग से बनाया है।

स्पेनिश प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा

दोनों देशों ने वर्ष 2026 को भारत-स्पेन संस्कृति, पर्यटन और एआई का वर्ष घोषित किया है। भारत-स्पेन ऑडियो विजुअल सह-उत्पादन समझौते के तहत एक संयुक्त आयोग बनाएंगे। दोनों देशों ने रेल परिवहन के क्षेत्र में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन और सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देश वर्ष 2024-2028 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम आयोजित करेंगे।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने वडोदरा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज की यह यात्रा ऐतिहासिक रही है। पिछले दो दशकों में किसी स्पेनिश प्रधानमंत्री की यह पहली यात्रा है। इस दौरान रेलवे में सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें रखरखाव और सुरक्षा तथा अन्य प्रशिक्षण पहलुओं का ध्यान रखा जाएगा।

नेताओं के बीच ऊर्जा से लेकर परिवहन, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और अन्य क्षेत्रों के कई पहलुओं पर चर्चा हुई है। व्यापार का कुल आंकड़ा बढ़ रहा है और यह अब 10 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। साथ ही, एक-दूसरे के देशों में विभिन्न कंपनियों द्वारा निवेश बढ़ रहा है। इसलिए आर्थिक साझेदारी वास्तव में अच्छी चल रही है।

निवेश और विकास की अपार संभावनाएं

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा औद्योगिक सहयोग के प्रतीक सी-295 विमान परियोजना में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। उन्होंने अन्य क्षेत्रों में अपने-अपने रक्षा उद्योगों को भारत में इसी तरह की संयुक्त परियोजनाएं स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

दोनों नेताओं के बीच वार्ता के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि भारत-स्पेन बहुपक्षवाद को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसमें यूएनएससी समेत अंतरराष्ट्रीय संगठनों को अधिक प्रतिनिधि, प्रभावी, लोकतांत्रिक, जवाबदेह और पारदर्शी बनाना शामिल है। भारत ने 2031-32 की अवधि के लिए स्पेन की यूएनएससी उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, जबकि स्पेन ने 2028-29 की अवधि के लिए भारत की उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, भारत और लैटिन अमेरिकी क्षेत्र के बीच बढ़ते राजनीतिक और वाणिज्यिक संबंधों और स्पेन के साथ साझा ऐतिहासिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को देखते हुए, दोनों नेताओं ने इस क्षेत्र में निवेश और विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग की अपार संभावनाओं को पहचाना। स्पेन ने एसोसिएट ऑब्जर्वर के रूप में इबेरो-अमेरिकन सम्मेलन में शामिल होने के भारत के आवेदन का स्वागत किया, जो लैटिन अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। दोनों पक्षों ने 2026 में स्पेन में आयोजित होने वाले इबेरो-अमेरिकन शिखर सम्मेलन तक प्रक्रिया को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई, ताकि भारत स्पेन के प्रो टेम्पोर सचिवालय की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग ले सके।

वे यूरोपीय संघ-भारत कनेक्टिविटी साझेदारी के उद्देश्यों को पूरी तरह से साकार करने के लिए अपने सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए। उन्होंने भारत और यूरोप के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा परियोजना (आईएमईसी) की क्षमता को भी पहचाना। उन्होंने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, रसद, बंदरगाहों और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों में क्षेत्रीय देशों के बीच सहयोग के अवसरों की खोज की। दोनों नेताओं ने भारत और स्पेन में आपसी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए ‘फास्ट ट्रैक मैकेनिज्म’ की स्थापना का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने वलाडोलिड विश्वविद्यालय में हिंदी और भारतीय अध्ययन पर आईसीसीआर चेयर की स्थापना का स्वागत किया। भारत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत भारत में शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव ला रहा है।

आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद पर विस्तार से चर्चा

इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रमुख स्पेनिश विश्वविद्यालयों को भारतीय संस्थानों के साथ शैक्षणिक और अनुसंधान साझेदारी को मजबूत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उल्लेखनीय है कि स्पेन के प्रधानमंत्री सांचेज का आज वडोदरा में सांस्कृतिक स्वागत किया गया और उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। उन्होंने मुंबई का भी दौरा किया, जहां उन्होंने प्रमुख व्यापारिक नेताओं, सांस्कृतिक हस्तियों और भारतीय फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की।

स्पेन ने भारत को आईडीआरए (अंतर्राष्ट्रीय सूखा प्रतिरोध गठबंधन) में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। 2022 में शुरू किया गया यह मंच, तैयारी और अनुकूलन उपायों के माध्यम से देशों, शहरों और समुदायों को सूखे के प्रति अधिक लचीला बनाने के लिए ठोस कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिए है।

दोनों नेताओं ने आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में स्पष्ट रूप से निंदा की, जिसमें आतंकवादी प्रॉक्सी और सीमा पार आतंकवाद का उपयोग शामिल है। दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों को एकजुट होना चाहिए।

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