नई दिल्ली: क्वाड देशों के बीच विशाखापत्तनम तट पर चल रहे बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मालाबार का बंदरगाह (Multinational maritime exercise malabar port) समाप्त हो गया है। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका की नौसेनाओं ने महत्वपूर्ण समुद्री गतिविधियों में हिस्सा लिया। अब मंगलवार से बंगाल की खाड़ी में समुद्री चरण शुरू हो गया है, जिसमें चारों नौसेनाओं के युद्धपोत, हेलीकॉप्टर और लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान एक साथ अभ्यास कर रहे हैं, जो उच्च स्तर के सहयोग और परिचालन तालमेल का प्रदर्शन कर रहा है।
बंगाल की खाड़ी पहुंची नौसेनाएं
बहुराष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मालाबार के दूसरे और अंतिम समुद्री चरण में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका की नौसेनाएं बंगाल की खाड़ी पहुंच गई हैं। इस हाई वोल्टेज इवेंट में विध्वंसक, फ्रिगेट, कोरवेट और फ्लीट सपोर्ट शिप के साथ-साथ लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमान, जेट विमान, इंटीग्रल हेलीकॉप्टर और पनडुब्बी संपत्तियां हिस्सा लेंगी। यह हवाई युद्ध क्षेत्रों को कवर करते हुए समुद्री युद्ध संचालन की एक विस्तृत श्रृंखला में शामिल होगा। ये उन्नत और जटिल अभ्यास आपसी समझ और समन्वय को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिसका उद्देश्य समुद्र में एक संयुक्त टास्क फोर्स के रूप में निर्बाध रूप से संचालन करना है।
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ऑस्ट्रेलिया ने की थी पिछले चरण की मेजबानी
इस युद्ध अभ्यास में भारतीय नौसेना की पनडुब्बियां भाग लेंगी और भाग लेने वाले देशों के विशेष बलों के संयुक्त अभ्यास भी इस चरण में शामिल होंगे। यह समुद्री चरण भाग लेने वाले देशों के बीच अंतर-संचालन को और मजबूत करेगा और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ाने में योगदान देगा। 18 अक्टूबर को मालाबार 2024 के समापन समारोह के साथ समुद्री चरण समाप्त हो जाएगा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मालाबार अभ्यास एक साल जापान में, एक साल भारत में और एक साल प्रशांत महासागर में अमेरिकी नौसैनिक अड्डे के पास आयोजित किया जाता है। नौसैनिक अभ्यास के पिछले संस्करण की मेजबानी ऑस्ट्रेलिया ने की थी।
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