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देश के बाहर पढ़ रहे बच्चों को भारतीय ज्ञान व परंपरा से अवगत करवाएगा सीयू

धर्मशालाः Himachal Pradesh Central University के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि भारतीय मूल के लगभग 1 लाख 39 हजार 539 विद्यार्थी यूनाइटेड किंगडम में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से अवगत कराना बहुत जरूरी है ताकि ये विद्यार्थी भारत और भारतीयता पर गर्व कर सकें और पूरे विश्व में भारतीयता का परचम लहरा सकें। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लगभग 13 लाख विद्यार्थी भारत से बाहर विदेशों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जो कि बहुत बड़ी संख्या है।

भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने के होंगे प्रयास

भारतीय मूल के ये सभी विद्यार्थी भारत के बारे में जानने में भी रुचि रखते हैं और इन्हें भारतीय ज्ञान परंपरा से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए। कुलपति प्रो. बंसल ने यह बात अपने लंदन दौरे के दौरान लंदन के प्रतिष्ठित किंग्स कॉलेज में इंडिया नॉलेज कंसोर्टियम द्वारा आयोजित सेमिनार के दौरान उपस्थित शिक्षकों, भारतीय मूल के विद्यार्थियों और ब्रिटिश मूल के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कही।

स्वर्णिम इतिहास से कराया जाएगा परिचित

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय उन सभी भारतीय मूल के विद्यार्थियों के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा के नए पाठ्यक्रम शुरू करेगा जो विदेशों, विशेषकर यूरोप और मध्य पूर्व में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग के माध्यम से विश्वविद्यालयों के साथ समझौते करके इन विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा से परिचित करवाएगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्व गुरु है और इस परिप्रेक्ष्य में केन्द्रीय विश्वविद्यालय इन देशों में भारतीय ज्ञान परम्परा को बढ़ावा देगा ताकि इन छात्रों को भारत की माटी, शौर्य, पराक्रम और स्वर्णिम इतिहास से परिचित कराया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी उल्लेख

उन्होंने कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय ऐसे बड़े विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक संबंध स्थापित करेगा और ऐसे पाठ्यक्रम बनाएगा जिसके माध्यम से भारत को जानने के इच्छुक छात्रों को भारतीय ज्ञान परम्परा के माध्यम से शिक्षित किया जाएगा। इसके लिए इस लंदन यात्रा के दौरान कुछ प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के साथ एमओयू भी हस्ताक्षरित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अंतर्गत भारतीय ज्ञान परम्परा के अध्ययन एवं अध्यापन पर विशेष बल दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का निर्माण भारत के सनातन ज्ञान एवं विचारों के समृद्ध प्रकाश में किया गया है।

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इसके स्तंभों में भारतीय ज्ञान परम्परा को भी केन्द्रीय स्तंभ माना गया है। उन्होंने आगे कहा कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय भारत के अग्रणी विश्वविद्यालयों में से एक है जिसने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन में पहल की है और शिक्षा नीति के आधार पर सभी पाठ्यक्रम भी तैयार किए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम भी आने शुरू हो गए हैं। इस एक दिवसीय सेमिनार में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार प्रो. सुमन शर्मा और अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग के निदेशक प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ भी उपस्थित थे।

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