लखनऊः गन्ना समिति के डेलीगेट पद के लिए नामांकन के बाद 102 प्रत्याशियों के निरस्त नामांकन पत्रों में अनियमितताओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन (Bhartiya Kisan Union) के कार्यकर्ताओं और किसानों ने हंगामा किया। गुरुवार को नामांकन रद्द किया गया और शुक्रवार की रात से कार्यकर्ता धरने पर बैठे हुए हैं। इस बीच एसएसपी, एसपी सिटी, एसडीएम, एडीएम प्रशासन ने समझाने के तमाम प्रयास भी किए हैं। लेकिन भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक नामांकन में अनियमितताओं को ठीक नहीं किया जाता, तब तक धरना समाप्त नहीं होगा। वहीं भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत भी धरने में शामिल हो सकते हैं।
सैकड़ों किसान पहुंचे मेरठ
भारतीय किसान यूनियन का धरना शुक्रवार रात आठ बजे शुरू हुआ। गन्ना समिति के चुनाव में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सैकड़ों किसान मेरठ पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी और किसान एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली और वाहनों के साथ परतापुर थाना परिसर पहुंचे और हंगामा किया। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता और किसान थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए।
किसी अंजाम तक नहीं पहुंची 3 घंटे की बातचीत
प्रदर्शन की सूचना पर थाने पहुंचे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के बीच तीन घंटे से अधिक समय तक चली वार्ता के बाद भी कोई समाधान नहीं निकल सका। किसान 102 निरस्त नामांकनों को बहाल करने की मांग को लेकर धरने पर अड़े रहे। रातभर थाने में डटे रहे किसानों ने थाना परिसर में ही तवे पर खाना पकाया और वहीं गद्दे बिछाकर सोए। आज सुबह फिर से धरना शुरू कर दिया।
यूनियन के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी ने अधिकारियों से वार्ता में कहा कि चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए। सत्ताधारी दल के मंत्रियों ने चुनाव अधिकारियों से मिलीभगत कर अनियमितताएं की हैं। चुनाव गन्ना समिति का है और किसानों से जुड़ा है, इसमें सत्ताधारी दल द्वारा अपनी मनमानी करना लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
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किसानों ने लगाता तानाशाही का आरोप
थाना परिसर में आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता विजयपाल घोपला ने कहा कि सरकार छोटे-छोटे चुनावों में भी तानाशाही दिखा रही है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं की जाएंगी तक प्रदर्शन खत्म नहीं किया जाएगा।किसानों ने दिल्ली से मेरठ आने वाली सड़क पर जाम लगा दिया है। जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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