Haryana elections, कैथलः कैथल जिले के पूंडरी विधानसभा क्षेत्र से पिछले 30 सालों में किसी भी पार्टी का कोई भी उम्मीदवार जीत नहीं पाया है। पार्टी द्वारा टिकट न दिए जाने के बाद वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों के जीतने की परंपरा के चलते इस बार सतबीर भाणा को क्षेत्र के लोगों का समर्थन मिल रहा है और उनकी जीत के कयास लगाए जा रहे हैं।
रोड़ समुदाय तय करता है हार-जीत
पूंडरी विधानसभा क्षेत्र में रोड़ समुदाय का दबदबा है। यहां 60 फीसदी मतदाता रोड़ समुदाय से हैं और उसके बाद करीब 17 फीसदी मतदाता ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। जाट भी यहां करीब 7 फीसदी हैं और अन्य में ओबीसी और एससी वर्ग शामिल है। इस बार इस सीट पर अकेले रोड़ समुदाय से कुल 6 उम्मीदवार हैं।
इनमें पूर्व विधायक रणधीर सिंह गोलन, पूर्व विधायक सुल्तान जडौला, सुनीता बतान, नरेश कुमार फरल, प्रमोद चूहड़ और सतपाल जांभा शामिल हैं। जाट समुदाय से सज्जन सिंह ढुल निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। ब्राह्मण समुदाय से नरेश शर्मा, नरेंद्र शर्मा और दिनेश कौशिक चुनाव लड़ रहे हैं।
अन्य जातियों के वोटरों की बात करें तो ढुल को जाट समुदाय और गुरिंदर सिंह हाबड़ी को पंजाबी समुदाय के वोट मिल सकते हैं, लेकिन कम आबादी के कारण वे ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाएंगे। वहीं ब्राह्मण समुदाय से तीन उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिसके कारण उनके वोट भी आपस में बंट सकते हैं।
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पूंडरी में आज तक नहीं जीती भाजपा
हालांकि कांग्रेस ने इस सीट पर चार बार जीत दर्ज की है। इसके साथ ही 1987 में लोकदल के मक्खन सिंह ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने गोलान को कड़ी टक्कर दी थी। हालांकि इस बार गोलान ने भाजपा से समर्थन वापस ले लिया था, इस उम्मीद में कि कांग्रेस उन्हें टिकट देगी। लेकिन कांग्रेस ने उन्हें टिकट नहीं दिया, जिसके कारण वे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। जिसके कारण इस बार उनकी वापसी मुश्किल लग रही है।
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