Asha Bhosle 91th Birthday: म्यूजिक इंडस्ट्री की लिविंग लीजेंड आशा भोसले Asha Bhosle की आवाज में ऐसा जादू है , जो एक बार कानों में पड़ जाए तो दिल को सुकून और मन को चैन आ जाता है। बता दें, आज ये ‘सुरों की मलिका’ 91 साल की हो गईं। आशा भोसले सिर्फ एक सिंगर नहीं हैं, बल्कि खुद में एक पूरा युग हैं।
आशा भोसले ने दी बॉलीवुड को अलग पहचान
गौरतलब है कि, खनकती आवाज की मलिका आशा भोसले Asha Bhosle ने बॉलीवुड को एक अलग पहचान दी। ‘हाय झुमका गिरा रे बरेली के बाजार में’, ‘ मार गई मुझे तेरी जुदाई’, ‘पिया तू अब तो आजा शोला सा मन दहके आके बुझा जा’ जैसे कई ब्लॉकबस्टर सॉन्ग में सुरों का ऐसा समा बांधा जिसे आज भी लोग सुनना पसंद करते हैं।
16 साल की उम्र में की शादी
हालांकि, महान गायिका का सफर काफी उतार चढ़ाव भरा रहा। उनकी लाइफ में पहला विवाद तब हुआ जब उन्हें अपने से 15 साल बड़े शख्स से प्यार हुआ और घर-परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर मात्र 16 साल में उससे शादी भी की। ये घटना उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर के साथ विवाद की भी मुख्य वजह बनी। जो काफी समय तक चलता रहा।
91 की आशा की जिंदगी उनके गानों की तरह ही शोख, कभी संजीदा तो कभी बेबाक रही। लता मंगेशकर की इस छोटी बहन ने अपनी पहचान बनाने के लिए बड़ा संघर्ष किया। आशा आज भी जीवन उसी बेबाकी भरे अंदाज में जी रही हैं जैसे वो जवानी में जीती थीं।
Asha Bhosle 91th Birthday: पहली शादी से हुआ तलाक
इस महान गायिका ने दो शादियां की हैं। पहली शादी महज 16 साल की उम्र में की थी। उन्होंने अपनी बहन लता मंगेशकर के सेक्रेटरी गणपत राव से की। कहा जाता है कि, इस शादी से लता मंगेशकर और उनका परिवार खुश नहीं था। हालांकि, गणपत राव से आशा का रिश्ता ज्यादा वक्त तक नहीं चला। कुछ दिनों बाद दोनों का तलाक हो गया।
1980 में की RD Burman से दूसरी शादी
इसके बाद उन्होंने 47 साल की उम्र में साल 1980 में आरडी बर्मन RD Burman से दूसरी शादी की। शादी आरडी बर्मन के निधन तक टिकी। लता मंगेशकर और आशा भोसले के बीच संबंधों के बारे में मीडिया में बहुत कुछ सामने आया। एक बार आशा भोसले ने कहा था कि तमाम अफवाहों के बावजूद हम दोनों बहनों के बीच रिश्ता पूरी तरह से मजबूत रहा।
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1940 के दशक में की बॉलीवुड इंडस्ट्री में शुरुआत
इसके बाद आशा ने 1940 के दशक में बॉलीवुड इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत की। वह पिछले 8 दशकों से गायन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। उन्होंने हिंदी, मराठी, तमिल और बंगाली समेत कई भाषाओं में गाना गाया है। इस महान गायिका ने अपने परिवार से बगावत की तो उनकी नफरत भी झेली। लेकिन जिंदगी को जीया तो सिर्फ अपनी शर्तों पर।