Hartalika Teej 2024 , नई दिल्लीः सनातन धर्म में तीज-त्योहारों की कोई कमी नहीं है। सभी त्योहारों का अपना महत्व होता है। तीज पर्व इन्हीं में से एक है। तीज का त्यौहार साल में तीन बार मनाया जाता है। पहला हरियाली तीज, दूसरा कजरी तीज और तीसरा हरतालिका तीज। इन तीनों में से हरतालिका तीज को महत्वपूर्ण माना जाता है। हरतालिका तीज का पर्व हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा। यह बहुत कठिन और निर्जल व्रत है।
बता दें कि हरतालिका तीज (Hartalika Teej ) पर अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं। इस दिन महिलाएं भगवान शिव-माता पार्वती की पूजा करती हैं। भारतीय संस्कृति में शादी-विवाह को सबसे श्रेष्ठ और पवित्र संस्कार माना जाता है। कहा जाता है कि महिलाओं के लिए सौभाग्यवती होना पूर्वजन्मों में अर्जित पुण्यों का फल है, इसलिए महिलाएं अपने पति और सुहाग की रक्षा के लिए तमाम तरह के व्रत रखती हैं।
कुंवारी लड़कियों के लिए व्रत के नियम
इसके अलावा हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं। कुंवारी लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं। हालांकि उनके लिए व्रत के नियम अलग-अलग होते हैं। यह व्रत फलाहार पर भी रखा जा सकता है। तो आइये जानते हैं कुंवारी लड़कियों के लिए हरतालिका तीज व्रत के क्या-क्या नियम है।
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हरतालिका तीज व्रत आमतौर पर निर्जला रखा जाता है। लेकिन अविवाहित लड़कियां फलाहार पर यह व्रत रख सकती हैं। संकल्प ब्रह्ममुहूर्त में स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके लेना चाहिए। हरितालिका तीज पूजा के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। घर और मंदिर की साफ-सफाई करें।
इसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को चौकी पर स्थापित करें। विधि-विधान से महादेव का अभिषेक करें। मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें। भगवान को भोग लगाएं।
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि का प्रारंभ 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगा। जबकि यह तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06:02 बजे से 08:33 बजे तक है। इस मुहूर्त में पूजा करने से साधक को दोगुना फल की प्राप्ति होगी।
इन मंत्रों का करें जाप
ओम पार्वत्यै नम ।
ओम उमाये नम।
देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम।
मनचाहे वर के लिए
हे गौरी शंकर अर्धांगिनी यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा माम कुरु कल्याणी कांतकांता सुदुर्लाभाम।।
महादेव के प्रिय मंत्र
- ऊँ नम: शिवाय।।
शिव के प्रिय मंत्र
- ॐ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ॐ पार्वतीपतये नमः।