अनुपम व अलौकिक होगा श्री राधामाधव देवस्थानम् में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव

70

लखनऊः वसुप्रधा फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित श्रीराधामाधव देपस्थानम् मंदिर गोमतीनगर विस्तार क्षेत्र के लौलाई ग्राम में स्थित है। इस अलौकिक व दिव्य मंदिर की छटा इस समय देखते ही बन रही है। 26 अगस्त की मध्य रात्रि 12 बजे भगवान लड्डूगोपाल का जन्मोत्सव यहां मनाया जाना सुनिश्चित हुआ है। तत्पश्चात छठी उत्सव 31 अगस्त दिन शनिवार को सायं काल 06 बजे से प्रारंभ होकर रात्रि 10:30 बजे तक चलेगा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 31 अगस्त को पड़ने वाली छठी उत्सव के अवसर पर भगवान लड्डूगोपाल की झांकी सजाई जाएगी एवं सायंकाल 06 बजे से भोग प्रसाद व पूजन-अर्चन के कार्यक्रम के साथ विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाएगा।

भव्य व दिव्य है राधामाधव देवस्थानम् मंदिर

मंदिर परिसर में प्रवेश द्वार के निकट मंदिर के वास्तु देवता विराजमान हैं। कुछ दूरी पर दिव्य श्री लक्ष्मीनारायण पीपल विराजमान हैं, जिनकी छटा अद्भुत व अनुपम है। एक तरफ श्री लक्ष्मी नारायण पीपल मंदिर के अग्र भाग पर स्थित जलाशय को स्पर्श करते हैं, वहीं दूसरी तरफ मंदिर के शिखर को। मंदिर के प्रवेश द्वार पर गरूड़ भगवान गरूड़ ध्वज के साथ विराजमान हैं। प्रधान देव श्री राधामाधव युगल रूप में प्राण प्रतिष्ठित हैं एवं उनके चारों दिशाओं में श्री सिद्धिविनायक गणपति, श्री सिद्धेश्वर हनुमान जी, श्री सिद्धिदात्री दुर्गा जी एवं श्री माधवेश्वर महादेव शिवलिंग रूप में प्रतिष्ठित हैं।

श्री राधामाधव का दिव्य विग्रह पूर्वाभिमुख है। मंदिर गर्भगृह के मुख्य द्वार पर श्री भगवान के वाहन गरूड़ जी का श्री विग्रह एवं पीतल धातु की ध्वजा स्थापित है तथा गर्भगृह के शिखर कलश पर श्री सुदर्शन चक्र स्थापित है। श्री राधामाधव के दक्षिण-पश्चिम में श्री नागराज एवं श्री सर्पराज प्रतिष्ठित हैं। श्री राधामाधव के ईशान भाग में नवग्रह मंडल मंदिर स्थापित है, वहां पर सूर्यादि नवग्रह विग्रह अपने-अपने वाहन पर आरूढ़ होकर प्रतिष्ठित हैं। गर्भगृह मंदिर के पश्चिम भाग में श्री गौरीशंकर वट वृक्ष प्रतिष्ठित है एवं उत्तर भाग में दिव्य पारिजात वृक्ष प्रतिष्ठित है। श्री राधामाधव देवस्थानम् मंदिर में श्री राधामाधव युगल भगवान के निमित्त शनिवार को दीपदान करने की विशेष महिमा है। भगवान के निमित्त दीपदान करके सभी भक्तजन अपनी मनोभिलाषा पूर्ण करते हैं। श्री राधामाधव युगल भगवान का सच्चे भाव से स्मरण करने पर मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)