Chardham Yatra 2024: चारधाम यात्रा शुरू होने के 19 दिन में ही यात्रा पर जा रहे 62 तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि, इनमें से सबसे ज्यादा मौत हार्टअटैक और पल्मोनरी एडिमा के कारण केदारनाथ में हुई है। बता दें, चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित है, जहां पर ठंड के साथ ऑक्सीजन की कमी से सांस से संबंधित दिक्कतें आती हैं। ऐसे में लोगों की तबियत बिगड़ने से अक्सर वो मौत का शिकार हो जाते है।
अधिकतर हृदय गति रुकने से हुई मौत
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र देहरादून की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार अब 12,27,545 तीर्थयात्री चारधाम यात्रा पर आ चुके हैं। इसमें से 62 तीर्थयात्रियों की मौत विभिन्न कारणों से हो चुकी है। ज्यादातर की मौत हृदय गति रुकने से हुई है।
श्रद्धालुओं की नियमित की जा रही स्क्रीनिंग
चारधाम यात्रा को लेकर रुद्रप्रयाग जनपद के प्रभारी सचिव और स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश ने बताया कि, यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की नियमित स्क्रीनिंग की जा रही है। स्वास्थ्य जांच में जिन श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य ठीक नहीं है उन्हें डॉक्टर यात्रा न करने की सलाह दे रहे हैं। इसके बाद भी कोई यात्रा पर जा रहा है तो उनसे लिखित में फार्म भरवाने की कार्रवाई की जा रही है।
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स्वास्थ्य विभाग ने तीर्थयात्रियों को दी सलाह
स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा पर आ रहे तीर्थयात्रियों को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्वास्थ्य को लेकर एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। इसमें केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में पैदल चढ़ते समय प्रत्येक एक से दो घंटे के बाद पांच से 10 मिनट तक विश्राम करें। यात्रा के लिए गर्म कपड़े, बारिश से बचाव के लिए रेनकोट, छाता, स्वास्थ्य जांच के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मामीटर साथ रखें। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, अस्थमा, मधुमेह से ग्रसित यात्री जरूरी दवा और डॉक्टर का नंबर पास रखें। यात्रा के दौरान सीने में दर्द, सांस की तकलीफ, चक्कर अथवा उल्टी आने पर नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या मेडिकल रिलीफ में प्राथमिक उपचार लें।
चारधाम यात्रा पर मृतकों की संख्या
केदारनाथ : 30
बदरीनाथ : 16
यमुनोत्री : 13
गंगोत्री : 03
कुल- 62