Saturday, December 28, 2024
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हिमाचल प्रदेश उपचुनाव 2024: तीन विधानसभा सीटों पर वोटिंग और गणना की तारीखों का ऐलान

Shimla :  चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की देहरा, नालागढ़ और हमीरपुर सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर दी है। चुनाव आयोग के अनुसार इसके लिए 14 जून को अधिसूचना जारी की जाएगी। 21 जून तक नामांकन होंगे, 24 जून तक नामांकन पत्रों की जांच होगी और 26 जून को नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे। इसके बाद बुधवार 10 जुलाई को मतदान होगा। 13 जुलाई को मतगणना होगी। आयोग के अनुसार 15 जुलाई 2024 से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर ली जानी चाहिए।

निर्दलीय विधायको ने थमा था बीजेपी का दामन

दरअसल, प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों पर निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में देहरा से होशियार सिंह, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा निर्दलीय विधायक चुने गए थे। तीनों निर्दलीय विधायक राज्य की कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे, लेकिन इस साल 27 फरवरी को हुए राज्यसभा चुनाव में तीनों ने भाजपा उम्मीदवार हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान किया और कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद हर्ष महाजन राज्यसभा के लिए चुने गए।

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इसके बाद 22 मार्च को तीनों निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए, जिस पर उन्होंने राज्य उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया। लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने के एक दिन बाद 3 जून को हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने तीन निर्दलीय विधायकों केएल ठाकुर, आशीष शर्मा और होशियार सिंह के इस्तीफे स्वीकार कर लिए और इसके बाद ये तीनों विधायक विधानसभा के सदस्य नहीं रहे।

कांग्रेस के पास 38 विधायक

तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार किए जाने के बाद अब राज्य विधानसभा के सदस्यों की संख्या 65 रह गई है। 68 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के छह पूर्व विधायकों को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया था। इसके चलते सदस्यों की संख्या घटकर 62 रह गई थी। तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे स्वीकार होने के बाद विधानसभा में 59 सदस्य बचे थे। चार जून को विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में कांग्रेस ने चार और भाजपा ने दो सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके चलते कांग्रेस के पास 38 और भाजपा के पास 27 विधायक रह गए थे। 68 सदस्यीय प्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए 35 का आंकड़ा चाहिए। मौजूदा कांग्रेस की सुक्खू सरकार के पास फिलहाल 38 विधायक हैं। ऐसे में विधानसभा उपचुनाव के नतीजों का सरकार पर कोई असर पड़ता नहीं दिख रहा है।

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