Wednesday, January 1, 2025
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तर प्रदेशDY Chandrachu ने क्षेत्रीय भाषा में कानून पढ़ाने पर दिया जोर, कही...

DY Chandrachu ने क्षेत्रीय भाषा में कानून पढ़ाने पर दिया जोर, कही ये बात

लखनऊः भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY Chandrachud) ने शनिवार को लखनऊ स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में क्षेत्रीय भाषा में कानून पढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि ‘मैं अक्सर देश के सभी शिक्षाविदों से इस बात पर चर्चा करता हूं कि कानून को सरल भाषा में कैसे पढ़ाया जा सकता है। अगर हम आम जनता को कानून के सिद्धांतों को सरल भाषा में नहीं समझा पाते हैं तो उसमें कानूनी पेशे और कानूनी शिक्षा का अभाव है।’

क्षेत्रीय भाषा में हो समस्या का समाधान

डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून पढ़ाने की प्रक्रिया में हमें क्षेत्रीय भाषाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। आरएम एनएलयू को निश्चित रूप से हिंदी में एलएलबी पाठ्यक्रम शुरू करना चाहिए। हमारे विश्वविद्यालयों में क्षेत्रीय मुद्दों से जुड़े कानून भी पढ़ाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि मान लीजिए अगर कोई व्यक्ति आपके विश्वविद्यालय के पड़ोस के किसी गांव से आता है, गांव से विश्वविद्यालय आता है, विश्वविद्यालय के कानूनी सहायता केंद्र में आता है और अपनी जमीन से जुड़ी समस्या बताता है, लेकिन अगर छात्र को खसरा और खतौनी का मतलब नहीं पता है तो छात्र उस व्यक्ति की मदद कैसे कर पाएगा।

आम जनता को समझ में आना जरूरी

इसलिए छात्रों को जमीन से जुड़े क्षेत्रीय कानूनों से भी अवगत कराया जाना चाहिए। अपने संबोधन में उन्होंने यह भी कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्होंने कई ऐसे निर्देश दिए हैं, जिससे आम लोगों के लिए न्याय की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। उदाहरण के लिए, सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अंग्रेजी में दिए गए निर्णयों का भारत के संविधान में प्रचलित विभिन्न भाषाओं में अनुवाद किया जा रहा है, ताकि आम जनता भी समझ सके कि निर्णय में क्या लिखा है।

यह भी पढ़ेंः-Mumbai: अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ की अहम बैठक, दिए ये निर्देश

आज सर्वोच्च न्यायालय के 1950 से 2024 तक के 37000 निर्णय हैं, जिनका हिंदी में अनुवाद किया गया है और यह सेवा सभी नागरिकों के लिए निःशुल्क है। दीक्षांत समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमरपाल सिंह, विभागाध्यक्ष विधि प्रो. आदित्य प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के कई न्यायमूर्ति मौजूद रहे।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें