भोपालः पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) ने कुपोषण को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा है कि तमाम झूठे वादों की तरह सरकार का बच्चों को भरपेट भोजन देने का वादा भी झूठा निकला। कमलनाथ ने शनिवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश गंभीर कुपोषण की चपेट में आ चुका है। प्रदेश की आंगनबाड़ियों में दर्ज 6 साल से कम उम्र के 66 लाख बच्चों में से 26 लाख यानी 40% बच्चे बौने पाए गए हैं।
कम वजन वाले बच्चों की बढ़ी संख्या
जबकि करीब 17 लाख यानी 27% बच्चों का वजन मानक औसत वजन से कम पाया गया है। केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे पोषण ट्रैकर की 24 जून की रिपोर्ट बताती है कि मध्य प्रदेश में पिछले दो महीने में कम वजन वाले बच्चों की संख्या में 3% की बढ़ोतरी हुई है। मई 2024 में मध्य प्रदेश की आंगनवाड़ियों में कम वजन वाले बच्चों की संख्या जहां 24% थी, वहीं जुलाई 2024 में यह बढ़कर 27% हो गई है।
प्रदेश के लिए शर्मनाक स्थितिः कमलनाथ
कमलनाथ ने आगे कहा कि बढ़ते कुपोषण ने पूरे मध्य प्रदेश की खाद्य वितरण प्रणाली और बच्चों को पोषण प्रदान करने के तमाम दावों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह शर्मनाक है कि मध्य प्रदेश अब इस सूचकांक में 35वें स्थान पर खिसक गया है। अब हमसे सिर्फ एक स्थान नीचे रह गया है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि आंकड़े बताते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। तमाम झूठे दावों और वादों की तरह बच्चों को पूरा भोजन/पोषण देने का उनका दावा भी झूठा, दिखावटी, विज्ञापन है।
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पूर्व सीएम ने कहा कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि वह झूठी वाहवाही के अपने रोग से बाहर निकले और बच्चों के पेट की ओर देखे। अगर मध्य प्रदेश का भविष्य और आंगन में बच्चों की हंसी भूख और चीख का प्रतीक बनती जा रही है तो यह प्रदेश के लिए शर्मनाक स्थिति है।
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