सोनभद्रः सवा दो साल पहले 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को उसके घर से अगवा कर दुष्कर्म करने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र अमित वीर सिंह की अदालत ने दोषी पवन कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 35 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बेहोशी की हालत में छोड़ गए थे आरोपी
जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन पक्ष के अनुसार दुद्धी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी पीड़िता के पिता ने दुद्धी थाने में दी गई तहरीर में बताया था कि उसकी 16 वर्षीय नाबालिग पुत्री जो कक्षा 09 में पढ़ती थी। 17 मार्च 2022 की रात जब वह रोज की तरह अपने कमरे में पढ़ाई कर रही थी। घर के सभी सदस्य खा-पीकर सो रहे थे, तभी रात में अमावत निवासी राजन कुमार, बैरखड़ निवासी पवन व दो-तीन अज्ञात लोगों ने उसकी नाबालिग पुत्री का अपहरण कर लिया। दुष्कर्म करने के बाद पुत्री को रात में दरवाजे के बाहर बेहोशी की हालत में छोड़कर भाग गए।
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उम्रकैद के साथ लगाया जुर्माना
बेटी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी में भर्ती कराया गया। पिता की तहरीर पर पुलिस ने 18 मार्च 2022 को अपहरण, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। जांच के दौरान बयान लेने के बाद जांच अधिकारी ने पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर राजन कुमार व पवन कुमार जो चचेरे भाई हैं, के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। लेकिन राजन कुमार की उम्र 18 वर्ष से कम होने के कारण उसकी फाइल किशोर न्याय बोर्ड को भेज दी गई थी।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें, गवाहों के बयान व फाइल का अवलोकन करने के बाद दोषी पवन कुमार को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। वहीं जुर्माने की राशि में से 28 हजार रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे। अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील दिनेश कुमार अग्रहरि, सत्य प्रकाश त्रिपाठी और नीरज कुमार सिंह ने बहस की।