भोपाल: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में करोड़ों रुपये के लेन-देन में गड़बड़ी उजागर होने के बाद विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुनील कुमार बुधवार को राजभवन पहुंचे और अपना इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही यूनिवर्सिटी के सभी खाते भी सीज कर दिए गए हैं। सरकार ने पहले ही कुलपति को हटाने के संकेत दे दिये थे।
जांच के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर
दरअसल, दो दिन पहले आरजीपीवी में करोड़ों रुपये के लेनदेन में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद कुलपति और रजिस्ट्रार समेत पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। वहीं, राज्य स्तरीय कमेटी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया और जांच कमेटी गठित की। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही एफआईआर दर्ज की गई।
एबीवीपी ने यूनिवर्सिटी में करोड़ों रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया है। मामले की अभी जांच चल रही है। हालांकि, तीन सदस्यीय जांच रिपोर्ट में 19.48 करोड़ रुपये निजी खातों में ट्रांसफर किये जाने का खुलासा हुआ है। इस मामले में कुलपति, पूर्व रजिस्ट्रार, दलित संघ सुहागपुर और पांच अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।
पूछताछ के लिए नोटिस
अनियमितता सामने आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने वेतन खाते को छोड़कर अन्य सभी खाते सीज कर दिए हैं। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है। अब जांच में यह भी पता चला है कि यूनिवर्सिटी की पिपरिया शाखा और भोपाल की कटारा हिल्स शाखा में की गई एफडी का नंबर एक ही है। एफडी के नकली होने की आशंका रहती है। विश्वविद्यालय के बैंक खातों और उसकी संपत्ति का कोई पूरा रिकॉर्ड नहीं मिला है। हालाँकि, यह सब अभी भी जांच के दायरे में है।
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गांधी नगर थाना प्रभारी प्रवीण त्रिपाठी ने बताया कि आरजीपीवी मामले में कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इस मामले में आरोपियों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया जाएगा। इसके बाद ही गिरफ्तारी की जायेगी। उन्होंने कहा कि यह आर्थिक लेनदेन का मामला है। इसलिए पूछताछ की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने बिना जांच के सरकार के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली है।
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