Wednesday, January 1, 2025
spot_img
spot_img
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Homeउत्तराखंडहिमालयीय जड़ी बूटियों की ब्रांडिंग करेगा धामी सरकार, दुनिया भर में होगी...

हिमालयीय जड़ी बूटियों की ब्रांडिंग करेगा धामी सरकार, दुनिया भर में होगी पहचान

देहरादून: आयुर्वेद को बढ़ावा देने के संबंध में शुक्रवार को सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा, उत्तराखंड शासन डॉ. पंकज कुमार पांडे की अध्यक्षता में सचिवालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में देशभर के 40 से अधिक प्रख्यात आयुर्वेदिक शिक्षाविदों, विशेषज्ञों और डॉक्टरों ने अपने सुझाव दिये।

आयुष सचिव ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य उत्तराखंड को वैश्विक मंच पर सर्वश्रेष्ठ आयुष गंतव्य के रूप में स्थापित करना है। सरकार आयुष से जुड़े हर हितधारक को साथ लेकर आगे बढ़ेगी। विशेषज्ञों ने मुख्य रूप से राज्य में आयुष जड़ी-बूटियों की क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा देने, पहले से स्थापित सरकारी आयुर्वेदिक फार्मेसियों के उन्नयन, आयुर्वेद-योग को पर्यटन से जोड़ने, आयुर्वेद से संबंधित अनुसंधान संस्थानों और अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना, आयुष शिक्षा का सुझाव दिया।

गतिविधियों को स्किल इंडिया से जोड़ने, निजी आयुर्वेदिक शिक्षण संस्थानों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान करने तथा उत्तराखंड में आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान को संकलित एवं संरक्षित करने के संबंध में सुझाव दिये गये। अभिमन्यु कुमार ने विश्वविद्यालय के माध्यम से अनुसंधान प्रोटोकॉल तैयार किया और अस्पतालों को उसके अनुसार अनुसंधान करने और डेटा संकलित करने का सुझाव दिया। कहा कि आयुर्वेद को पर्यटन से जोड़ना बहुत जरूरी है। सुझाव दिया कि उत्तराखंड में वेलनेस पर्यटकों के लिए हर्बल ट्रैकिंग रूट विकसित किये जा सकते हैं।

पीके प्रजापति ने सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड करने और कर्मियों को उचित प्रशिक्षण देने और हर उपलब्ध चिकित्सा उपकरण का उपयोग करने का सुझाव दिया। इसके अलावा, अस्पतालों में क्षार सूत्र और पंचकर्म उपचार का व्यापक उपयोग करने और वन विभाग और स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से जड़ी-बूटियों की खेती को बढ़ावा देने का भी सुझाव दिया गया।

यह भी पढ़ेंः-आज NUCFDC का उद्घाटन करेंगे अमित शाह, बैंकों को मिलेगा अम्ब्रेला संगठन

महेश व्यास ने उत्तराखंड को आयुर्वेद की जननी बताते हुए राज्य की हिमालयी जड़ी-बूटियों की ब्रांडिंग करने का सुझाव दिया। बीआर रामकृष्ण ने उत्तराखंड में विश्व का सर्वश्रेष्ठ योग आयुर्वेद आधारित अंतरराष्ट्रीय वेलनेस सेंटर खोलने का सुझाव दिया। संजीव सूद ने उत्तराखंड की औषधियों को जैविक एवं भारी धातु मुक्त औषधियों के रूप में प्रचारित करने का सुझाव दिया। चार घंटे तक चली मैराथन बैठक के अंत में आयुष सचिव ने सभी सुझावों को संकलित किया और राज्य में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए उन्हें लागू करने का आश्वासन दिया।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

सम्बंधित खबरें
- Advertisment -spot_imgspot_img

सम्बंधित खबरें