Harda: पटाखा फैक्ट्री विस्फोट पीड़ितों के आह्वान पर आज हरदा नगर के बाजार बंद हैं। मृतकों के परिजन और पीड़ित परिवार तीन दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पीड़ितों का कहना है कि हमारे परिवार को न जाने किसकी नजर लग गयी, हम अपना घर-परिवार छोड़कर सड़कों पर हड़ताल करने को मजबूर हैं, हम लोग बिखर गये हैं। जीवन की पूंजी खत्म हो गई। प्रशासन ने हमें 1.25 लाख रुपये दिये हैं। हम इतने पैसे से अपना घर कैसे चला सकते हैं? हमें उचित मुआवजा दें और दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें।
धरने पर बैठी महिलाओं की बिगड़ी तबियत
पटाखा फैक्ट्री विस्फोट के पीड़ित शुक्रवार से शहर के घंटाघर चौक पर भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनका कहना है कि तीन हफ्ते बाद भी हमारी जिंदगी पटरी पर नहीं आ सकी है। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में पीड़ित परिवार के 6 लोग और शहर के अलग-अलग समुदाय के 6 लोग शामिल हैं। शनिवार को धरने पर बैठी तीन महिलाओं की तबीयत भी बिगड़ गई।
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उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। प्रभावित लोगों का कहना है कि उन्हें उनके मकानों का बाजार मूल्य के अनुसार मुआवजा दिया जाए या फिर उनके मकानों को उसी तरह दोबारा बनाया जाए जैसे वे बने थे। क्योंकि पिछले 20 दिनों से उन्हें आईटीआई कॉलेज में बने राहत शिविर में रखा गया है।
बता दें कि हादसा 6 फरवरी की सुबह 11 बजे हरदा की पटाखा फैक्ट्री में हुआ था। धमाके में 14 लोगों की मौत हो गई। 200 से ज्यादा लोग घायल हुए। धमाके के बाद पूरा इलाका वीरान हो गया है। सरकार ने मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये और घायलों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी।
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