धर्मशाला (Himachal Pradesh): मुख्य संसदीय सचिव (शिक्षा एवं शहरी विकास विभाग) आशीष बुटेल ने कहा कि प्रदेश में बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बजट में अधिकतम 9560 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। रविवार को धर्मशाला में समग्र शिक्षा के तहत एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट क्लासेज कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन करते हुए सीपीएस ने कहा कि युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए बाजार की मांग के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को पढ़ाया जा रहा है ताकि छात्रों का भविष्य बेहतर हो सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत, प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षण प्लेटफार्मों के एकीकरण को मान्यता दी जा रही है ताकि छात्र अपनी रुचि के अनुसार कौशल की पहचान कर सकें और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।
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कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए पहल
उन्होंने कहा कि कांगड़ा प्रदेश का पहला जिला है जहां पायलट आधार पर एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट क्लासेज कार्यक्रम शुरू किया गया है। इससे पहले राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कार्यक्रम के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि एंटरप्रेन्योरियल माइंडसेट क्लासेस कांगड़ा जिले में कक्षा 9 से 12 के 56,529 छात्रों के लिए डिज़ाइन की गई एक पायलट पहल है, जिसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के युवाओं को विभिन्न आजीविका विकल्पों में सफलता के लिए आवश्यक कौशल और मानसिकता से लैस करना है।
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