रांची (Jharkhand): राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की पहचान की जायेगी। इसे लेकर सोमवार को डीजीपी अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में सभी जिलों के एसएसपी और एसपी के साथ समीक्षा बैठक होगी। इस दौरान जिले द्वारा जिला पुलिस मॉड्यूल का उपयोग, जिले द्वारा विदेशी पंजीकरण पोर्टल का उपयोग, अवैध अप्रवासी और विदेशियों के अधिक समय तक रहने जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने एनआरसी की जरूरतों और बांग्लादेशियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर गृह विभाग को रिपोर्ट भेजी थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि बांग्लादेशी नागरिक बिहार और बंगाल के रास्ते झारखंड में शरण ले रहे हैं। झारखंड में अवैध प्रवासियों की संख्या 10-15 लाख बताई जाती है। अवैध आप्रवासियों की बढ़ती आबादी सांस्कृतिक और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती है।
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बढ़ रहीं देश विरोधी गतिविधियां
अधिकांश बांग्लादेशी भी बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद के रास्ते यहां पहुंच रहे हैं। झारखंड में ज्यादातर बांग्लादेशी फरक्का, उधवा, पियारपुर, बेगमगंज, फुदकलपुर, अमंथ, श्रीधर, दियारा, बेलुग्राम, चांदशहर, प्राणपुर से आते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेशियों के आने से अपराध और देश विरोधी गतिविधियां बढ़ी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अवैध अप्रवासियों ने वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवा लिया है। उन्होंने उधवा वर्ड सेंचुरी और वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया है। इन इलाकों में जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेश और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया जैसे प्रतिबंधित संगठनों की मजबूत पकड़ है।
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