Nisith Pramanik: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद निसिथ प्रमाणिक को बड़ी राहत दी। अदालत ने 2018 में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई के खिलाफ प्रमाणिक को अंतरिम सुरक्षा प्रदान की।
कोर्ट ने दिया ये आदेश
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने राज्य पुलिस को निर्देश दिया कि जब तक कलकत्ता उच्च न्यायालय की सर्किट पीठ उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं कर लेती, तब तक प्रमाणिक को गिरफ्तार न किया जाए। आदेश में कहा गया है कि प्रमाणिक की याचिका को 22 जनवरी को हाई कोर्ट द्वारा सूचीबद्ध किया जाए और उसी दिन सुनवाई और निस्तारण किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि उसने मामले की योग्यता पर कोई राय व्यक्त नहीं की है और उच्च न्यायालय को अपनी योग्यता के आधार पर मामले का फैसला करना चाहिए।
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पिछली साल मार्च में जारी हुआ था वारंट
प्रमाणिक के वकील ने कहा कि इस मामले में उनके खिलाफ 5 मार्च 2023 को वारंट जारी किया गया है, इसलिए गिरफ्तारी की संभावना है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को नोटिस जारी किया। अधिवक्ता सिद्धेश शिरीष कोटवाल के माध्यम से दायर विशेष अनुमति याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय के समक्ष दायर अग्रिम जमानत याचिका को केवल तीन बार स्थगित किया गया था और प्रमाणिक के पक्ष में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया गया था।
इसके अलावा इसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता को कथित अपराध से जोड़ने का कोई सबूत नहीं मिला है। इसके बावजूद, उन्हें मामले के संबंध में आईपीसी की धारा 341, 326, 307, 120 बी के साथ शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 25 (1 ए), 27, 35 के साथ गलत तरीके से आरोप पत्र दायर किया गया है।
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