नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief General Manoj Pandey) ने गुरुवार को वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भूटान, चीन, पाकिस्तान और म्यांमार की सीमाओं पर मौजूदा स्थिति पर चर्चा की। उन्होंने चीन सीमा पर स्थिति को स्थिर लेकिन संवेदनशील बताया। उत्तर-पूर्व में म्यांमार सीमा पर हाल की घटनाओं को देखते हुए सेना प्रमुख ने चिंता व्यक्त की और कहा कि यहां बाड़ लगाने को और मजबूत किया जाएगा। जनरल पांडे ने पाकिस्तान से घुसपैठ और आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी को स्वीकार करते हुए कहा कि आतंकी गतिविधियां हमारे लिए चिंता का विषय है।
सेना को आधुनिक बनाने पर जोर
सेना दिवस के मद्देनजर मानेकशॉ सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना प्रमुख ने देश की सीमाओं पर मौजूदा हालात, आंतरिक और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, सेना के पुनर्गठन, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चुनौतियों, सेना के आधुनिकीकरण, बदलाव पर चर्चा की। नई प्रौद्योगिकियों को शामिल करके युद्ध की प्रकृति। तैयारियों, पाकिस्तान और चीन से मिल रही चुनौतियों के अलावा सेना को आधुनिक बनाने के लिए नई तकनीकों को शामिल करने को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब उन्होंने स्पष्टता से दिए।
मणिपुर पर लगातार निगरानी
सीओएएस जनरल मनोज पांडे के मुताबिक, भारत-म्यांमार सीमा पर स्थिति हमारे लिए चिंता का विषय है। पिछले कुछ महीनों में म्यांमार सेना और जातीय सशस्त्र संगठनों की गतिविधियों के कारण अब तक लगभग 416 म्यांमार सेना के जवान सीमा पार कर चुके हैं। इसके अलावा भूटान के कुछ नागरिकों ने मिजोरम के साथ-साथ मणिपुर में भी शरण ली है।
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चिंता की बात यह है कि भारत-म्यांमार की स्थिति को देखते हुए हमारी सीमा पर भी कुछ उग्रवादी समूह हैं, जो दबाव महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अब मणिपुर राज्य में सीमा के हमारी तरफ आने की कोशिश की है। हालांकि, हम मणिपुर के हालात पर नजर बनाए हुए हैं। हमारे पास लगभग 20 असम राइफल बटालियन हैं, जो भारत-म्यांमार सीमा पर तैनात हैं। हमारी सीमा बाड़ को मजबूत करने की भी बात हो रही है।
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