Monday, December 23, 2024
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Rajasthan CM: भजनलाल को कश्मीर से बंगाल तक काम करने का मिला इनाम, PM मोदी ने थपथपाई पीठ

Bhajanlal-Sharma

Rajasthan CM Bhajanlal Sharma Oath, जयपुरः मंगलवार 12 दिसंबर की दोपहर तक किसी को अंदाजा नहीं था कि भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों के फोटो सेशन में सबसे पीछे की कतार में खड़ा शख्स कुछ ही मिनटों बाद राजस्थान की राजनीति की सुर्खियां बन जाएगा। ऐही ही कुछ कहानी है राजस्थान के नए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की। 12 दिसंबर को उन्हें बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया और इसके साथ ही वह राज्य की राजनीति की सुर्खियों में। भरतपुर की एक ग्राम पंचायत के सरपंच रहे शर्मा अब राजस्थान के मुख्यमंत्री हैं।

मोदी ने थपथपाई पीठ 

भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को जयपुर के ऐतिहासिक अल्बर्ट हॉल के सामने आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने सीएम पद और गोपनीयता की शपथ ली। वह पूर्वी राजस्थान दूसरे मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी पीठ थपथपाई। सीएम के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें.. भजनलाल बने राजस्थान के नए मुख्यमंत्री, प्रेमचंद बैरवा-दीया कुमारी ने ली डिप्टी CM की शपथ

बता दें कि पार्टी के प्रदेश महासचिव शर्मा सुर्खियों से दूर रहकर काम करने के लिए जाने जाते हैं। शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे हैं और 1992 में श्री राम जन्मभूमि भूमि आंदोलन के दौरान जेल भी गए थे। अपने 34 वर्षों के सक्रिय राजनीतिक करियर के दौरान, उन्होंने भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेवाईएम) में विभिन्न पदों पर काम किया है। 57 वर्षीय शर्मा को एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता के रूप में देखा जाता है और वह सुर्खियों से दूर रहना पसंद करते हैं। वह पहली बार विधायक और मुख्यमंत्री बने हैं।

जन्मदिन का मिला शानदार तोहफा

आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का जन्मदिन भी है। उनके परिवार ने अपने अस्थायी ठिकाने चंबल पावर हॉउस के गेस्ट हाउस में बर्थ डे सेलिब्रेट भी किया। पहले उन्होंने गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने अपने माता-पिता के चरण धोकर उनका आशीर्वाद भी लिया। भजनलाल शर्मा ने शपथ लेने से पहले सुबह-सुबह जयपुर के आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद सांगानेर में गौशाला जाकर गायों की सेवा भी की। मनोनीत मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शपथ ग्रहण से पहले संत मृदुल कृष्ण शास्त्री से सरल बिहारी मंदिर में मुलाकात की।

भजनलाल शर्मा का जन्म भरतपुर जिले के अटारी गांव में हुआ। ठेठ गांव से ताल्लुक रखने वाले शर्मा के पिता किशन स्वरूप शर्मा और मां गोमती देवी आज भी गांव में ही रहते हैं। शर्मा प्रारंभिक शिक्षा गांव में पूरी करने के बाद आगे की पढ़ाई करने नदबई पहुंचे। यहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 10वीं कक्षा 1984 और 12वीं कक्षा 1986 में नदबई के गगवाना हाईस्कूल से पास की थी। इसके बाद बीए 1989 में एमएसजे कॉलेज भरतपुर से किया। 1993 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र से एमए किया।

अयोध्या से कश्मीर तक रहे सक्रिय

वर्ष 1990 में कश्मीर मार्च के दौरान उधमपुर में गिरफ्तार किए गए। 1991-92 में भाजयुमो की जिम्मेदारी मिली। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के समय कारसेवक के रूप में 1992 में जेल गए। युवा मोर्चा के नदबई मंडल के अध्यक्ष बनकर भजनलाल की भाजपा में एंट्री हुई थी। वर्ष 2000 में 27 वर्ष की उम्र में अटारी सरपंच और 2010 से 2015 तक अटारी पंचायत समिति सदस्य रहे। इसके बाद भाजयुमो भरतपुर जिला मंत्री, जिला महामंत्री, तीन बार जिलाध्यक्ष बने। बाद में उन्हें भाजपा भरतपुर जिला मंत्री और बाद जिला महामंत्री बनाया गया।

पूर्वी राजस्थान में संगठन को किया मजबूत

वर्ष 2009 से 2014 तक भरतपुर के जिलाध्यक्ष रहे। इस दौरान पूर्वी राजस्थान में संगठन और मजबूत हुआ। वर्ष 2014 में प्रदेश उपाध्यक्ष और 2016 प्रदेश महामंत्री का कार्य संभाला। भजनलाल को भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष रहे अशोक परनामी, मदन लाल सैनी, सतीश पूनिया और वर्तमान अध्यक्ष सीपी जोशी के साथ महामंत्री के रूप में काम करने का अनुभव भी है।

वे लगातार चौथी बार प्रदेश के महामंत्री बनें। भजनलाल खेती और खनिज उपकरण की सप्लाई के काम से जुड़े हैं। ये उनका निजी व्यवसाय है। फिलहाल वे जयपुर के मालवीय नगर में रह रहे हैं। पत्नी गीता भी पंचायत समिति सदस्य रह चुकी हैं। बड़ा बेटा आशीष प्रतियोगी परीक्षा (आरएएस) की तैयारी कर रहा है, वहीं छोटा बेटा कुणाल डॉक्टर है।

पूर्वी राजस्थान ने 43 साल बाद दिया दूसरा मुख्यमंत्री

पूर्वी राजस्थान में आने वाले भरतपुर जिले से भजनलाल शर्मा दूसरे मुख्यमंत्री हैं। इनसे पहले 1980 में यानी 43 साल पहले जगन्नाथ पहाड़िया मुख्यमंत्री बने थे। समानता यह है कि दोनों की घोषणा उम्मीद से परे और अचानक हुई। पहाड़िया को इंदिरा गांधी ने मुख्यमंत्री घोषित किया था। शर्मा के मुख्यमंत्री बनने से पूर्वी राजस्थान में भाजपा और मजबूत होगी।

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