Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 100 घंटे से ज्यादा समय से फंसे करीब 40 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद जारी हैं। बुधवार को युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। दिल्ली से भारी बरमा मशीन लाई गई। वायुसेना के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर आये। इन मशीनों की मदद से प्रति घंटे 5 मीटर मलबा हटाया जा सकता है और स्टील पाइप को मलबे में भेदकर दूसरी तरफ पहुंचाया जा सकता है।
राहत एवं बचाव कार्य जारी
वायु सेना के हरक्यूलिस विमान द्वारा तीन बैचों में लाई गई ऑगर मशीनों को चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतारा गया। इस मशीन को ग्रीन कॉरिडोर के जरिये घटनास्थल तक ले जाया गया। वायुसेना का पहला हरक्यूलिस विमान नई दिल्ली के हिंडन एयरबेस से नई मशीन के पार्ट्स चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे पर उतरा, जिसके बाद मशीन के पार्ट्स को ट्रक के जरिए सिल्क्यारा टनल तक पहुंचाया गया।
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#WATCH | Uttarakhand | Uttarkashi Tunnel accident: Early morning visuals from Silkyara Tunnel where rescue and relief operations are underway to rescue 40 trapped labourers. pic.twitter.com/nweXfTsy1O
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023
राहत एवं बचाव अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन काफी उन्नत है, जो काफी तेजी से काम करेगी। अब सैन्य ऑपरेशन टीम भी राहत और बचाव अभियान में शामिल हो गई है। इसके साथ ही वायुसेना और थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है।
नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की भी ली जा रही मदद
इसके अलावा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की भी मदद ली जा रही है। बचाव दल ने थाईलैंड की एक रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है। कुछ समय पहले इसी कंपनी ने रेस्क्यू किया था” थाईलैंड की एक गुफा में फंसे बच्चे। बचाव दल ने सुरंग के अंदर ऑपरेशन चलाने के लिए सुझाव लेने के लिए नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया है। इसके अलावा, भारतीय रेलवे, इरकॉन, आरवीएनएल और राइट्स के विशेषज्ञों से भी सुरंग के अंदर ऑपरेशन चलाने के संबंध में सुझाव लिए जा रहे हैं।
पूरी घटना पर सीएम धामी भी नजर
गौरतलब है कि चारधाम ऑल वेदर रोड प्रोजेक्ट के तहत सिलक्यारा की ओर से मुहाने के अंदर 270 मीटर अंदर निर्माणाधीन सुरंग का करीब 30 मीटर हिस्सा रविवार को भूस्खलन के कारण ढह गया और तब से मजदूर इसके अंदर फंसे हुए हैं। उन्हें बचाने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है। वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं।
पाइप के जारिए पहुंचाया जा रहा खाना व दवा
उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए बनाई गई छह सदस्यीय कमेटी की ओर से जांच जारी है। साथ ही लगातार मजदूरों से वॉकी-टॉकी के जरिए संपर्क किया जा रहा है और स्टील पाइप से खाना-पानी भी पहुंचाया जा रहा। वहीं, एक अलावा डॉक्टरों की सलाह पर मजदूर को पाइप के जरिये दवा भी भेजी जा रही है। यहां तक की फंसे मजदूरों की सलामती के लिए यहां पूजन भी करवाया गया है।
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