नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने निर्णय लिया है कि वह श्री राम जन्मभूमि पर रामलला के स्थापना समारोह को ध्यान में रखते हुए देश भर में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेगा। इसका उद्देश्य पूरे देश में सकारात्मक माहौल बनाना है। इस उद्देश्य से श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित सभी आयोजनों और कार्यक्रमों में संघ कार्यकर्ता भाग लेंगे। संघ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह राष्ट्रीय और सामाजिक जीवन के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में भाग लेता है और अपने कार्यकर्ताओं को जागरूक करता है और होने वाले परिवर्तनों के अनुसार उन्हें प्रशिक्षित भी करता है। एसोसिएशन पिछले कुछ समय से अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की समीक्षा कर रहा था और अब प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रहा है। उक्त बातें गुजरात के कच्छ जिले के भुज में हो रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक से पहले शुक्रवार को आयोजित प्रेस वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहीं।
381 प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
हर साल होने वाली एबीएचए कार्यकारी बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक इस बार 5 से 7 नवंबर तक भुज के सरदार पटेल संकुल में हो रही है। इसमें संघ की दृष्टि से 45 प्रांतों के प्रांत संघचालक, सह प्रांत संघचालक, प्रांत कार्यवाह, सह प्रांत कार्यवाह, प्रांत प्रचारक और सह प्रांत प्रचारक को आमंत्रित किया जाता है। इसी प्रकार संघ विचार से प्रेरित प्रमुख संगठन जैसे विश्व हिंदू परिषद, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय मजदूर संघ और किसान संघ इस बैठक में विद्यार्थी परिषद के सदस्य, राष्ट्र सेविका समिति आदि संगठन मंत्री आमंत्रित हैं। इस वर्ष कुल 381 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
संघ प्रमुख के संबोधन पर होगी चर्चा
सुनील आंबेकर ने कहा कि आर.एस. संघ की यह अहम बैठक पहली बार भुज में हो रही है। बैठक में शामिल होने के लिए सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और केंद्रीय टीम के कई पदाधिकारी पहले ही पहुंच चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस बैठक में राष्ट्र और सामाजिक जीवन से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा होगी। इस बार भी विजयादशमी पर संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए संबोधन पर चर्चा होगी। उस संदेश में उनके द्वारा प्रस्तुत सामाजिक समरसता, पर्यावरण, पारिवारिक प्रबोधन, स्वदेशी एवं नागरिक प्रबोधन के विचारों को घर-घर एवं व्यक्ति-व्यक्ति तक कैसे पहुंचाया जाए, इसकी कार्ययोजना बनाई जाएगी। इसके साथ ही हाल ही में पुणे (महाराष्ट्र) में अभा का आयोजन किया गया था। समन्वय बैठक में आये सुझावों पर भी चर्चा की जायेगी।
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उन्होंने बताया कि इस बैठक में 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्रतिष्ठा के कार्यक्रम पर भी चर्चा होगी, ताकि पूरे देश और समाज को इससे जोड़ा जा सके। इसके साथ ही संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष (2025) के लिए अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी और निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी। संघ ने अपना लक्ष्य निर्धारित किया है कि अपने शताब्दी वर्ष तक हम ग्राम सभा स्तर पर नियमित शाखाओं के माध्यम से समाज के सभी वर्गों तक पहुंचें।
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