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Manish Sisodia Bail: SC से मनीष सिसोदिया को झटका, जमानत अर्जी खारिज

 

Manish Sisodia Bail: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यदि मामला छह से आठ महीने में समाप्त नहीं होता है, तो वह फिर से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितता के मामले में गिरफ्तार सिसोदिया फिलहाल सलाखों के पीछे हैं।

16 अक्टूबर को ईडी ने कही थी ये बात

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी एसवी राजू से पूछा था कि मामले में क्या प्रगति हुई है। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में करीब 20 से 30 हजार दस्तावेज हैं। 290 से ज्यादा गवाह हैं। ऐसे में ट्रायल कैसे पूरा होगा? तब राजू ने कहा कि नौ से 12 महीने में मुकदमा पूरा हो जाएगा। तब जस्टिस खन्ना ने कहा था कि आम तौर पर हम जमानत के मामलों में इतनी लंबी सुनवाई नहीं करते हैं। 16 अक्टूबर को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि हम आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाने पर विचार कर रहे हैं।

इससे पहले की सुनवाई में कोर्ट ने ईडी पर सवाल उठाते हुए पूछा था कि वह सरकारी गवाह के बयान पर कैसे भरोसा करेगी। क्या यह कथन कानून में स्वीकार्य होगा? क्या यह सामान्य बात नहीं है? कोर्ट ने कहा था कि सब कुछ सबूतों पर आधारित होना चाहिए नहीं तो जिरह में दो मिनट में मामला खत्म हो जाएगा। 5 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि सिसोदिया को पैसे मिलने का कोई सबूत नहीं है।

सिसोदिया का विजय नायर से कोई संबंध नहीं था। नायर पार्टी कार्यकर्ता थे और आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे। उन्होंने कहा कि सिसोदिया 26 फरवरी से जेल में हैं। ईडी ने सिसोदिया की जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि नीति पारदर्शी होनी चाहिए थी। उत्पाद नीति के तहत पैसा कमाने की साजिश रची गयी। पैसे लेकर छूट दी जाती थी। विजय नायर मनीष सिसोदिया के निर्देश पर काम कर रहे थे।

CBI ने जमानत अर्जी का किया था विरोध

4 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने पूछा था कि कथित तौर पर फायदा पहुंचाने वाले राजनीतिक दल को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। सुनवाई के दौरान सिंघवी ने कहा था कि मामले के सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है, लेकिन हाई टारगेट लोगों को अभी तक जमानत नहीं मिली है। सिसोदिया के यहां से एक भी पैसे की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं पकड़ा गया है। सरकारी गवाहों के बयान में सिसोदिया का लिंक नहीं मिला है। सीबीआई ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध किया।

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाबी हलफनामे में सिसोदिया की जमानत का विरोध करते हुए कहा है कि सिसोदिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। ऐसे मामलों में जमानत के लिए निर्धारित ट्रिपल टेस्ट पर भी सिसोदिया खरे नहीं उतरते। वह पहले ही सबूत नष्ट कर चुका है और पूछताछ के दौरान भी सहयोग नहीं कर रहा था।’ वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति हैं।

सीबीआई ने अपने हलफनामे में मनीष सिसोदिया की पत्नी की बीमारी का जिक्र करते हुए कहा कि उनकी पत्नी की बीमारी कोई नई बात नहीं है। उनका इलाज पिछले 23 साल से चल रहा है। ऐसे में यह भी उनकी जमानत का आधार नहीं हो सकता। 14 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी किया था।

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