लखनऊ: शारदीय नवरात्रि में जो लोग अपने घर पर या पंडाल में मां दुर्गा की मूर्तियां रखते हैं, वे महानवमी के अगले दिन दशहरा पर दुर्गा विसर्जन करते हैं, मां दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन का अर्थ होता है कि मां को खुशी-खुशी विदाई देना ताकि वे फिर अगले साल पधारें और हमारे जीवन में खुशी, समृद्धि लेकर आएं। कुछ ज्योतिषाचार्योंं के अनुसार मंगलवार को बेटी की विदाई वर्जित होती है। लेकिन राजधानी पुलिस ने मंगलवार 24 अक्टूबर को ही राजधानी लखनऊ की सभी देवी प्रतिमाओं के विसर्जन की तैयारी की हुई है।
सभी पूजा समितियों ने पुलिस की बात मानकर मंगलवार को ही देवी प्रतिमा विसर्जन के लिए राजी हो गए हैं। यातायात पुलिस ने राजधानी की प्रमुख सड़कों पर श्रद्धालुओं के कारण यातायात प्रभावित न हो इसके लिए ट्रैफिक डायवर्जन भी किया है कल कुछ मार्गों से सामान्य यातायात प्रतिबंधित रहेगा। हालांकि ज्योतिषाचार्यों ने इस साल दुर्गा विसर्जन दशहरा के दिन वर्जित कहा है। इस वर्ष दशहरा 24 अक्टूबर मंगलवार को मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मंगलवार के दिन बेटी की विदाई वर्जित होती है, ऐसे में मां दुर्गा को श्रद्धालु विदाई कैसे कर सकते हैं।
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दुर्गा विजर्सन के दौरान श्रद्धालओं द्वारा गाजे बाजे के साथ मां की प्रतिमा गोमती नदी के किनारे तक लाई जाती है और वहा पर नाव ले जाकर बीच नदी में प्रवाहित की जाती है। इस दौरान महिलाएं सिंदूर से होली खेलती हैं। वही पुरुष गाजे बाजे के साथ मां का जायकारे लगाते हुए शोभायात्रा निकाली जाती है।
(रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान, लखनऊ)
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