चंडीगढ़: एक तरफ पंजाब की मंडियों में धान की आवक बढ़ गई है, वहीं दूसरी तरफ राज्य की मंडियों में काम करने वाले कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदेश के करीब दस लाख मजदूरों के हड़ताल पर चले जाने से शनिवार को मंडियों में धान खरीद का काम प्रभावित हो रहा है। फिलहाल प्रदेश की 1840 मंडियों में धान की खरीद चल रही है।
गल्ला मजदूर संघ ने पहले एक अक्टूबर से मंडियों में काम बंद करने का एलान किया था, लेकिन बीच में मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने गल्ला मजदूर संघ के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में मजदूरों की समस्याओं का कोई समाधान नहीं निकलने पर यूनियन ने अब फिर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। हड़ताल के दौरान मजदूर अपने परिवारों को भी बाजारों में लाएंगे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। संघ के राज्य प्रधान राकेश कुमार तुली ने कहा कि मजदूरों की समस्याओं को लेकर बोर्ड के उच्च अधिकारियों से कई बार बैठक की जा चुकी है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि सब कुछ जानने के बाद भी अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोये हुए हैं और मजदूरों का शोषण कर रहे हैं।
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महंगाई को देखते हुए मजदूरी में प्रति पीस 25 रुपये की बढ़ोतरी होनी है, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्ड से उनकी मांग है कि लोडिंग की मजदूरी कम से कम 5 रुपये प्रति बोरी की जाए और अधिक लोडिंग की मजदूरी भी इतनी ही होनी चाहिए। इसके अलावा कृषि व्यवस्था के तहत किसानों से मजदूरी काटी जाए और बाद में पैसा किसानों के खाते में डाला जाए।
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