Thursday, January 9, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशसांस के रोगी रखें अपनी हड्डियों का भी ख्यालः डा. सूर्यकान्त

सांस के रोगी रखें अपनी हड्डियों का भी ख्यालः डा. सूर्यकान्त

लखनऊ : सितम्बर माह को विश्व फिजियोथेरेपी जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में विश्व फिजियोथेरेपी जागरूकता माह के अवसर पर श्वसन पुनर्वास एवं बोन मिनिरल डेनसिटी के लिए जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस मौके पर विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त ने बताया कि सांस के रोगियो की दौड़ने-भागने पर, सीड़ी चढ़ने पर और तेज चलने पर सांस फूल जाती है। इसलिए वह सीढ़ी चढ़ने दौड़ने व तेज चलने से बचते है। इसीलिए श्वास के रोगी की उम्र बढ़ने के साथ उनकी हड्डियों में कमजोरी भी दिखाई देती है।

वर्षों से पीड़ित सांस के रोगी जिनकी उम्र 40 के पार है, ऐसे रोगियों को अपनी हड्डियों की क्षमता (बोन मिनिरल डेनसिटी) की जांच अवश्य करवानी चाहिए। मंगलवार को इस शिविर में करीब 60 सांस के मरीजों की बोन मिनिरल डेनसिटी की मुफ्त जांच की गयी। सांस के रोगियों में लगभग 70 प्रतिशत लोगों की बोन मिनिरल डेनसिटी (बीएमडी) कम पाई गई। सभी मरीजों को समुचित उपचार व सलाह दी गई।

सांस की बीमारी से पीड़ित रोगियों के हड्डियों की क्षमता को बढ़ाने के लिए डा. सूर्यकान्त ने धूप में बैठने की सलाह के साथ एक जगह रूके रहने से बेहतर होगा कि चलते-फिरते रहा जाए। इसके साथ ही डाक्टर सूर्यकांत ने कहा कि “वाकिंग इज दी बेस्ट एक्सरसाइज।” इसके साथ जो लोग हड्डियों और शरीर में दर्द से पीड़ित हैं, उन लोगों को बोन मिनिरल डेनसिटी तथा खून में कैल्शियम व विटामिन डी की जांच अवश्य करवानी चाहिए।

जिनकी सांस कई वर्षों से फूल रही हो उन्हें भी साल भर में एक बार बोन मिनिरल डेनसिटी की जांच जरूर करवानी चाहिए और अगर यह कम पायी जाती है तो अपने चिकित्सक से सलाह लेकर उचित इलाज करवाएं। इस मौके पर श्वसन पुर्नवास के लिए कार्डियो रेस्पिरेटरी फिजियोथेरेपिस्ट डा. शिवम श्रीवास्तव ने श्वसन पुर्नवास फिजियोथेरेपी के व्यायाम की सलाह दी है। सोशल वर्कर जिज्ञासा सिंह ने सभी मरीजो की काउसलिंग की। इसके साथ डाइटिशियन दिव्यानी गुप्ता ने सभी मरीजों को सही डाइट लेने की सलाह दी।

डा. अंकित कुमार ने बताया कि श्वसन पुर्नवास आने वाले सभी सांस के रोगियों का विषश ध्यान रखा जाता है। समय-समय पर यह जानकारी ली जाती है कि उनकी हड्डियों की स्थिति कैसी है। कहीं हड्डियां कमजोर तो नहीं हो रही, इसी आधार पर उन सभी को चिकित्सकीय सलाह दी जाती है। इस अवसर पर विभाग के चिकित्सक डा. एस.के. वर्मा, डा. आर.एस. कुशवाहा, डा. संतोष कुमार, डा. राजीव गर्ग, डा. अजय कुमार वर्मा, डा. दर्शन कुमार बजाज, डा. ज्योति बाजपाई, डा. अंकित कुमार, जूनियर डाक्टर्स एवं विभाग के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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