शिमला: हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई बारिश के कारण आई प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और सहायता के मद्देनजर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक और बड़ी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित परिवारों को अगले साल 31 मार्च तक मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और राशन उपलब्ध कराने की घोषणा की है।
अगले साल 31 मार्च तक मिलेगी सुविधा
मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि राज्य सरकार ने अब प्रभावित परिवारों के जरूरतमंद लोगों को मुफ्त घरेलू एलपीजी कनेक्शन किट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इस किट में एक एलपीजी सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, हॉट प्लेट, सुरक्षा पाइप शामिल होंगे और एलपीजी घरेलू रिफिल और ब्लू बुक की लागत सहित सभी संबंधित खर्च सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को एलपीजी गैस कनेक्शन के अलावा मुफ्त राशन भी उपलब्ध कराएगी। इस आवश्यक वस्तु के राशन पैकेज में 20 किलो गेहूं का आटा, 15 किलो चावल, 3 किलो दाल, एक लीटर सरसों का तेल, एक लीटर सोया रिफाइंड तेल, एक किलो डबल फोर्टिफाइड नमक और 2 किलो चीनी शामिल है। उन्होंने कहा कि मुफ्त राशन की यह सुविधा 31 मार्च 2024 तक प्रदान की जाएगी, जिससे प्रभावित परिवारों की भोजन संबंधी जरूरतों की पूर्ति सुनिश्चित होगी। संबंधित जिला नियंत्रक, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति तथा खाद्य निरीक्षक किराए के आवास में रहने वाले प्रभावित परिवारों को इन आवश्यक वस्तुओं का उचित वितरण सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस कदम से आपदा प्रभावित परिवारों को बिना किसी वित्तीय बोझ के खाना पकाने और अन्य सुविधाएं सुनिश्चित होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों से स्थानांतरित करने और किराए पर उपयुक्त आवासीय सुविधाएं प्रदान करने का निर्णय लिया है। इसके तहत मकान किराए पर लेने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है।
आपदा से 13 हजार मकान क्षतिग्रस्त, 428 लोगों की मौत
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में आई आपदा से भारी तबाही हुई है। उन्होंने शनिवार को कहा कि इस आपदा में अब तक 428 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य में 13,000 से अधिक घर और इमारतें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। शिमला से परवाणू राष्ट्रीय राजमार्ग और मंडी-मनाली राजमार्ग का बड़ा हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। राज्य की कई सड़कें, पेयजल आपूर्ति योजनाएं और बिजली व्यवस्था को भी भारी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि राज्य में इस आपदा से अब तक करीब 12 से 15 हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
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