जबलपुरः तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उधयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए बयान पर भाजपा लगातार हमलावर है। इसी क्रम में शनिवार को मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचे असम के मुख्यमंत्री ने भी सनातन धर्म पर दिए गए विवादित बयान पर कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों को आंड़े हाथ लिया। पत्रकारों से चर्चा करते समय उन्होंने कहा कि लोगों को मध्य प्रदेश के विकास के बारे में जानकारी देना चाहिए। जो सनातन धर्म के सामनें चैलेंज आया है उसके बारे में लोगों बताना चाहिए। जो हिंदुओं के खिलाफ देश में माहौल बनाया जा रहा है उसके बारे में भी लोगों को बताया चाहिए।
कर्ज के सवाल पर दिया जवाब
राज्य में सत्ता विरोधी माहौल को देखते हुए पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोगों को विकास की चिंता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन मुख्यमंत्री है और कौन नहीं। उन्होंने कमलनाथ पर कटाक्ष करते हुए पूछा कि आखिर थका हुआ चेहरा किसके पास है? अब कमल नाथ और शिवराज जी को एक मंच पर खड़ा कर देना चाहिए और जनता खुद देख लेगी और समझ जाएगी कि किसका चेहरा थक गया है। हेमन्त विश्व शर्मा ने कहा कि चुनाव के बाद मध्य प्रदेश का और अधिक विकास होगा। इस समय देश में जो माहौल बना है, उसमें अगर गलती से भी कांग्रेस आ गई तो जो तमिलनाडु में हो रहा है, वह पूरे देश में फैल जाएगा। जब से यह गठबंधन बना है, देश में हिंदुओं के खिलाफ माहौल बन गया है। मध्य प्रदेश के कर्ज के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें जीडीपी पर फोकस करना है, मध्य प्रदेश की जीडीपी एक लाख है, जहां जीडीपी बड़ी है वहां कुछ फीसदी कर्ज मायने नहीं रखता। लाडली बहना योजना के माध्यम से सीएम शिवराज सिंह ने करोड़ों मातृशक्ति का आशीर्वाद लिया है।
याद दिलाई इमरजेंसी
इंडिया एलायंस के कुछ मीडिया एंकरों पर प्रतिबंध के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनका इतिहास पुराना है, वे 1975 में ऐसा कर चुके हैं। अगर कांग्रेस सरकार गलती से सत्ता में आ गयी तो मीडिया को इसी तरह सेंसर करेगी। इसरो ने सही समय पर सनड्राइव बनाया है और इसे पूरी कांग्रेस पार्टी को भेजेंगे। मीडिया को अलविदा कहना बच्चों की तरह है, जैसे बच्चे आपस में लड़ते-झगड़ते हैं। वैसी ही उनकी हालत है।
यह भी पढ़ेंः-दिल्ली में बेखौफ बदमाशों ने घर में घुसकर शख्स को चाकू से गोदा, इस वजह से हुआ था विवाद
जब मध्य प्रदेश में चुनाव होते हैं तो ये लोग महाकाल में जाकर हिंदू वोट मांगने का नाटक करते हैं, लेकिन वही लोग सावन के महीने में मटन पकाकर खाते हैं। राहुल गांधी से प्रेरणा मिलने के बाद से ही खड़के और स्टालिन हिंदुओं के खिलाफ बयान देते रहे हैं। यदि कांग्रेस चाहती है कि यह देश सनातन की पृष्ठभूमि में बना रहे तो राहुल गांधी को तुरंत वहां जाकर स्टालिन से हिंदुओं के खिलाफ अपना बयान वापस लेने के लिए कहना चाहिए। अन्यथा हम आपसे समर्थन वापस ले लेंगे। क्या राहुल गांधी कर सकते हैं?
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)