मुंबई: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया और कहा कि उद्धव मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं देना चाहते थे जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आरक्षण देने के लिए जिम्मेदार थे। राणे ने कहा कि सभी मराठा समाज को कुनबी जाति प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं है।
नारायण राणे (Narayan Rane) गुरुवार को मुंबई में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। राणे ने कहा कि संविधान के प्रावधानों के अनुसार मराठा समुदाय को उनका सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन साबित करने के बाद 16 प्रतिशत अलग से आरक्षण देना उचित होगा। राणे ने कहा कि सभी मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाण पत्र दिए बिना, संविधान के अनुच्छेद 15(4) और 16(4) का अध्ययन किया जाना चाहिए और आरक्षण के संबंध में निर्णय लिया जाना चाहिए। 96 कुलों के मराठा यह मांग नहीं कर रहे हैं कि कुनबी प्रमाणपत्र तुरंत दिया जाए। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के 38 फीसदी लोग बेहद गरीब हैं। आर्थिक स्थिति के कारण शिक्षा से वंचित लोगों को आरक्षण देना जरूरी है।
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नारायण राणे (Narayan Rane) ने कहा कि ढाई साल तक मुख्यमंत्री रहते हुए ढाई दिन भी मंत्रालय नहीं जाने वाले उद्धव ठाकरे को मराठा समुदाय को आरक्षण देने में कोई दिलचस्पी नहीं थी और तत्कालीन गठबंधन सरकार बहुत खराब थी। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश मुख्यालय के सह प्रभारी सुमंत घैसास, उत्तर भारतीय मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष संजय पांडे, प्रदेश मीडिया विभाग के प्रमुख नवनाथ बन, प्रवक्ता ओमप्रकाश चौहान आदि उपस्थित थे।
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