लखनऊः उपभोक्ताओं द्वारा स्मार्ट मीटरों में आ रही दिक्कतों की शिकायतों की हकीकत जानने के लिए मंगलवार 05 सितंबर को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की टीम राजधानी लखनऊ पहुंची। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की टीम ने लेसा के हुसैनगंज, गोखले मार्ग और रहीमनगर डिवीजन के 10-12 उपभोक्ताओं के घर जाकर मीटर को देखा, साथ ही स्मार्ट मीटर में आ रहीं खामियों के विषय में उपभोक्ता से पूछताछ की।
इस दौरान किसी उपभोक्ता ने मीटर तेज चलने, रीडिंग जम्प करने, गलत बिल आने की शिकायत की। हालांकि, केंद्रीय टीम द्वारा इसका उचित जवाब न देते हुए यह कहा गया कि या तो एसी चलाते होंगे अथवा कोई बड़ा उपकरण। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव शशांक मिश्रा के नेतृत्व में आरईसी (रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड), पीएफसी (पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन) व मध्यांचल विद्युत वितरण निगम की संयुक्त टीम सबसे पहले हुसैनगंज डिवीजन के दो उपभोक्ताओं के यहां पहुंची।
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इन दोनों उपभोक्ताओं के घर पर चेक मीटर लगा था। टीम ने बिल जमा होने पर भी कनेक्शन न जुड़ने की समस्या पर भी खास तवज्जो नहीं दी। इससे उपभोक्ताओं को संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका। जिसके बाद टीम गोखले मार्ग व रहीमनगर डिवीजन में उपभोक्ताओं के यहां पहुंची। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की टीम द्वारा उपभोक्ताओं के फीडबैक को लेकर सवाल भी खड़े किए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर की खामियों को लेकर सवाल उठे कि टीम ने क्या यह जाना कि दो वर्ष पहले जन्माष्टमी के दिन स्मार्ट मीटर वाले लाखों उपभोक्ताओं की बिजली क्यों गुल हो गई थी। मामले की एसटीएफ जांच होने के बाद उसकी रिपोर्ट का क्या हुआ।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ता की बिजली पैसे जमा करने के बाद भी आखिर क्यों नहीं जुड़ता है। टीम ने इन बिंदुओं की जांच को दरकिनार रखा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में करीब 12 लाख उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट मीटर व 1.32 लाख उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड मीटर लगे हैं। स्मार्ट मीटर की खराब क्वॉलिटी को लेकर पहले ही सवाल खड़े होते रहे हैं। ऐसे में केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की टीम को कम से कम 10 प्रतिशत उपभोक्ताओं से फीडबैक लेना चाहिए। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की टीम द्वारा सर्वे के नाम पर सिर्फ औपचारिकता पूरी करने से उपभोक्ता की समस्या का समाधान नहीं होगा।
ऊर्जा मंत्री बोले, कार्य संस्कृति में बदलाव लाएं सभी कार्मिक
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सभी विद्युत कार्मिक अपनी कार्य संस्कृति एवं चाल चरित्र में बदलाव लाएं और उपभोक्ताओं की परेशानियों को तत्काल दूर करने का प्रयास करें। प्रदेश की विद्युत व्यवस्था में सुधार हेतु अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ कार्मिकों का अपने कार्यों के प्रति ईमानदार होना और समस्याओं को दूर करने के लिए त्वरित प्रयास हों, यह भी जरूरी है। उपभोक्ताओं का उत्पीड़न करने के बजाय, उन्हें तत्काल राहत पहुंचाने का प्रयास करें। शिकायतों का त्वरित संज्ञान लें और गुणवत्तापूर्ण ढंग से इनका समाधान करें। उन्होंने कहा कि विद्युत कार्मिकों की बदौलत प्रदेश की 28 हजार से अधिक मेगावाट की विद्युत मांग को भी सकुशल पूरा किया गया। विद्युत के क्षेत्र में जो कार्य गत 60 वर्षों में नहीं हो सका उसे विगत 5-6 वर्षों के भीतर ही पूरा किया गया। मंत्री ने बिजनेस प्लान से संबंधित कार्यों, राजस्व वसूली, नगरीय निकायों के विस्तारित व नवसृजित क्षेत्रों में किए जा रहे विद्युत संबंधी कार्य, फीडरों की ट्रिपिंग में कमी लाने की रणनीति तथा विद्युत दुर्घटनाओं को रोकने के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि बिजली जीवन की मूलभूत आवश्यकता बन गई है। सब कुछ बिजली पर निर्भर हो गया है। एक मिनट के लिए बिजली का जाना अब बर्दाश्त नहीं होता। बिजली न जाए, इसके लिए व्यवस्था एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार करना होगा। आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर इस व्यवस्था को और मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता।