नई दिल्ली: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए बयान पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आलोचना की। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की चुप्पी को शर्मनाक बताते हुए आरोप लगाया है कि अहंकारी विपक्षी गठबंधन (सभी दल) का यह पूरा समूह वोट बैंक की राजनीति के लिए हिंदू हितों और हिंदू धर्म की उपेक्षा करता है और करता रहेगा। क्योंकि उनकी मूल सोच हिंदू विरोधी है।
राहुल की चुप्पी पर कही ये बात
प्रसाद ने कहा कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के खिलाफ की गई बेशर्म टिप्पणी को फिर से दोहराया है, उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू, मलेरिया और कोरोना से की है। पी. चिदम्बरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम भी स्टालिन के बयान को सही ठहरा रहे हैं। प्रसाद ने राहुल गांधी और विपक्षी भारत गठबंधन में शामिल कई अन्य बड़े नेताओं से उदयनिधि स्टालिन के बयान पर चुप्पी तोड़ने और बयान देने की मांग करते हुए आगे कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, अपना गोत्र बताते हैं और हर मंदिर में जाकर जल चढ़ाते हैं। राहुल गांधी को इस पर अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए और अपना बयान देना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की चुप्पी साबित कर रही है कि वह वोट के लिए यह सब पाखंड करते हैं। रामसेतु विवाद के दौरान मनमोहन सिंह सरकार द्वारा दिए गए हलफनामे और एम. करुणानिधि द्वारा दिए गए विवादित बयान का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि वोट के लिए कुछ भी करना और किसी भी सीमा को पार करना इन लोगों की परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि सनातन एवं शाश्वत है तथा यह भारत की सभ्यता, संस्कृति एवं मूल्यों का मूल आधार है।
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