नई दिल्ली: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने रविवार को सनातन धर्म के खिलाफ उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। वीएचपी का कहना है कि ऐसी धमकियों के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। तमिलनाडु के खेल मंत्री और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के बेटे उदयनिधि ने शनिवार को तमिलनाडु प्रोग्रेसिव राइटर्स फोरम की एक बैठक को संबोधित किया था। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा था, ”मच्छर, मलेरिया, डेंगू और कोरोना की तरह सनातन धर्म को भी खत्म करना होगा।
विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, “मैं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के बेटे और राज्य मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान की भाषा और भावना दोनों से आश्चर्यचकित हूं। जिस तरह की धमकियां वह दे रहें है, उन्हें अपनी ताकत का अंदाजा भी नहीं था। ऐसी धमकियों के परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं। सनातन धर्म को मुसलमानों, मिशनरियों और अंग्रेजों से भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, फिर भी वह विजयी हुआ। मुगलों और अंग्रेजों का शासन भी लुप्त हो गया। स्मरण रखें कि जो सनातन को नष्ट करने की बात करता है, वह स्वयं नष्ट हो जाता है।
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कुमार ने यह भी पूछा, “क्या उदयनिधि का बयान उनकी सरकार का बयान है?” अगर ऐसा है तो हम केंद्र सरकार से कहेंगे कि संविधान के अनुच्छेद 25 और 26 प्रत्येक व्यक्ति को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देते हैं। इसकी सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है। सिर्फ विरोध नहीं, सनातन को खत्म करने का मतलब है कि वहां की सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का पालन न करके कानून के रास्ते से भटक गई है। ऐसे में केंद्र को सोचना होगा कि उसके पास क्या विकल्प हैं।