लखनऊः केंद्र की मोदी सरकार लगातार राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता समेत जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। विपक्ष को विश्वास में लिए बिना मोदी सरकार द्वारा संसद सत्र बुलाना ज्वलंत राष्ट्रीय मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने का असफल प्रयास है।
ये बातें शनिवार को कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहीं। उन्होंने कहा कि ’एक देश, एक चुनाव’ का नारा मोदी सरकार के लिए सिर्फ एक बहाना है। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए एक समिति बनाना और देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को इसका अध्यक्ष नामित करना पूर्व राष्ट्रपति का अपमान है।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा सर्वोच्च पदों पर पहुंचे दलित और आदिवासियों का अपमान किया है। संसद का विशेष सत्र बुलाने से पहले विपक्षी दलों के नेताओं, यहां तक कि मुख्य विपक्षी दल के नेता को भी चर्चा के लिए न बुलाकर मोदी सरकार ने पहले ही विपक्ष को अविश्वास में ले लिया है।
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उन्होंने कहा कि पिछले संसद सत्र की तरह इस सत्र में भी सत्ता पक्ष विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए हंगामे और शोर-शराबे को अपना हथियार जरूर बनाएगा। सत्तारूढ़ दल द्वारा शोर मचाकर संसद को बाधित करना मोदी सरकार के संसदीय परंपराओं पर हमले की एक और घातक शुरुआत है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार सत्ता खोती देख महंगाई, बेरोजगारी, सुरक्षा समेत तमाम मुद्दों से निजात पाने की कोशिशें छोड़ रही है। जैसे-जैसे विपक्ष का गठबंधन मजबूत होता जा रहा है। वैसे-वैसे मोदी सरकार डरती जा रही है।
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